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BJP विधायक के कोटा से बेटी को लाने पर विपक्ष हमलावर, कहा- अब जवाब दें CM नीतीश

हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह लॉकडाउन में नवादा जिला प्रशासन की अनुमति से अपने बेटे और उसके दोस्त को वापस लेकर पटना आए हैं. इसके बाद में बिहार में सियासी गरमा गई है. हम और आरजेडी ने बिहार सरकार हमला बोला है.

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Published : Apr 19, 2020, 5:29 PM IST

rjd and ham
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पटना: बीजेपी के विधायक बिहार सरकार से परमिशन लेकर कोटा में फंसी अपनी बेटी को लेकर वापस पटना पहुंच गए हैं. इसके बाद बिहार में सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.

बीजेपी विधायक के कोटा से बेटी को बुलाने पर हम और आरजेडी ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार राज्य की जनता के साथ दोहरी नीति अपना रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर देश भर में लॉकडाउन लागू है. इसको तोड़ने पर सरकार आम लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन नियम सरकार के ही लोग तोड़ रहे है.

बता दें कि बिहार सरकार से परमिशन लेकर कोटा में फंसी अपनी बेटी को लेकर विधायक वापस पटना पहुंच गए हैं. हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह लॉकडाउन में नवादा जिला प्रशासन की अनुमति से अपने बेटी और उसके दोस्त को वापस लेकर पटना आए हैं.

कार पास

सरकार दे जवाब- आरजेडी
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार पर बोला हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को जबाव देना होगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का कानून आम लोगों के लिए अलग और खास के लिए अलग कैसे बना है. जब हम लोग लगातार दूसरे राज्य में फंसे बच्चों को लाने की बात कह रहे हैं. तो सरकार लॉकडाउन का हवाला दे रही है, लेकिन सरकार में बैठे लोग बीजेपी नेता को परमिशन दे रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'नीतीश कुमार को मांगनी चाहिए माफी'
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह के बेटी को कोटा से लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पास निर्गत कैसे किया गया. सरकार को जबाब देना होगा. हम प्रवक्ता ने कहा कि आम जनता के लिए अलग और सत्तारूढ़ दल के लिए अलग कानून है. बिहार के भी,लोग दूसरे राज्यों में भूखे रह रहे हैं और यहां सत्तारूढ़ दल के विधायक के बेटों को लाने के लिए पास निर्गत किए जा रहे हैं. दानिश रिजवान ने कहा कि खास लोगों के लिए सरकार पास निर्गत कर रही है. यह निंदनीय घटना है. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

क्या है मामला?
दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन में फंसे यूपी के 8 हजार छात्रों को कोटा से वापस लाने के लिए सरकार ने 300 बसों के माध्यम से वापस लाने का निर्णय लिया था. जिसपर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि यूपी सरकार का ये निर्णय लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है. केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप करे. साथ ही नीतीश ने कहा कि बिहार के जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. हम उन्हें वहीं पर मदद पहुंचवा दे रहे हैं. इसके बाद बिहार में जेडीयू और बीजेपी में घमासान मच गई थी.

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