बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिहार में जल संकट! नदी, नाले, तालाब हुए सरकारी अतिक्रमण के शिकार

राज्य में लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. राज्य के अंदर  400000 हैंडपंप सूख चुके हैं.  8386 पंचायतों में से 1876 पंचायतों में ग्राउंड वाटर काफी नीचे जा चुका है.

डिजाइन फोटो

By

Published : Jul 6, 2019, 11:57 PM IST

पटना:बिहार के आधे से अधिक जिले जल संकट से जूझ रहे हैं. जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. कई इलाकों में जलस्तर 300 फीट के आस पास पहुंच चुका है, लाखों की संख्या में चापानल भी सूख गए हैं. तालाब अतिक्रमण के शिकार हैं और सरकारी एजेंसियां तालाब के अतिक्रमण में अहम भूमिका निभा रही हैं.


राज्य में लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. राज्य के अंदर 400000 हैंडपंप सूख चुके हैं. 8386 पंचायतों में से 1876 पंचायतों में ग्राउंड वाटर काफी नीचे जा चुका है. 20 साल पहले जहां राज्य में ढाई लाख तालाब थे. आज की तारीख में वह घटकर 98000 हो चुके हैं. 50 छोटी-बड़ी नदियां थी, जिसमें 48 सूखे पड़े हैं.

पटना से खास रिपोर्ट

पटना में 6500 से ज्यादा पेड़ कटवा दिए गए
पटना शहर में भी एक बड़ा तालाब हुआ करता था. स्मार्ट सिटी के नाम पर उसे भरा जा रहा है और 5 फीट कंक्रीट डाला जा रहा है. जाहिर है कि शहर से तालाब विलुप्त होते जा रहे हैं और पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. सरकार को पर्यावरण की चिंता कितनी है, उसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार ने 6500 से ज्यादा पेड़ कटवा दिए. पटना शहर में म्यूजियम, ज्ञान भवन, सरदार पटेल भवन और लोहिया चक्रपथ के नाम पर हजारों पेड़ कटवा दिए गए.

जल स्तर को बनाए रखने में तालाबों की भूमिका अहम
तालाबों की भूमिका जल स्तर को बनाए रखने में अहम होती है. ढाई लाख तालाब में से अब 98000 तालाब ही राज्य में बचे रह गए हैं. विकास के अंधे दौड़ में तालाबों को सॉफ्ट टारगेट बनाया जा रहा है और सरकारी एजेंसियां उसका अतिक्रमण करने में सबसे अव्वल हैं. जल संरक्षण के लिए काम कर रहे रंजीव कुमार ने बताया कि पटना के अंदर अकेले 330 तालाब थे, लेकिन उसमें ज्यादातर अतिक्रमण के शिकार हो गए हैं. उन्होंने बताया कि एम्स का निर्माण जहां हुआ है वहां पर तालाब हुआ करता था.

अतिक्रमण के शिकार हो रहे हैं तालाब
रंजीव कुमार ने बताया कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता था, लेकिन आज की तारीख में ज्यादातर तालाब सरकारी एजेंसियों के द्वारा अतिक्रमण के शिकार हैं. जिसका नतीजा है कि वाटर डिस्चार्ज रीसाइक्लिंग नहीं हो पा रहा है और जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. जहां पर तालाब हैं वहां आज भी डेढ़ सौ फीट पर पानी मिल रहा है. इसका उदाहरण पटना सिटी स्थित मंगल तालाब है.

जल संकट की स्थिति पैदानहीं होने देंगे- मंत्री

इस पूरे हालात से विपक्ष भी चिंतित हैं. राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने चिंता जताते हुए कहा कि राज्य के अंदर नदी नाले तालाब सब सूखे पड़े हैं और भीषण जल संकट की स्थिति पैदा हो चुकी है. हालांकि बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि हालात पर सरकार की नजर है. जल संकट की स्थिति हम पैदा नहीं होने देंगे. पानी टैंकर के माध्यम से पहुंचाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details