पटना: राजधानी में पटना नगर निगम(Patna Municipal Corporation) की लापरवाही के कारण खुले मैनहोल (Open Manhole) से लोगों को परेशानी हो रही है. खुले मैनहोल की वजह से कई लोग दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. वहीं कई लोगों की खुले मैनहोल मे गिरने से मौत भी हो चुकी है. लेकिन निगम प्रशासन फिर भी नहीं चेत रहा है.
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आज भी शहर की मुहल्ले की कई सड़कें टूटी फूटी हैं तो कई इलाके में मैनहोल के ढक्कन ही गायब हैं. ऐसे में अभी भी खतरा बना हुआ है. पटना में बारिश के बाद जलजमाव से लोग आए दिन दो चार होते हैं. तो वहीं खुले मैनहोल खतरनाक हो जाते हैं.
राहगीरों को पता नहीं चलता है कि कहां मैनहोल खुले हैं और कहां गड्ढे हैं. आलम यह है कि पटना नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले हर गली में एक दो मैनहोलन के ढक्कन गायब हैं या उनके ढक्कन टूटे पड़े हैं. जिसकी वजह से रात के समय या बरसात के समय में यह मैनहोल ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं.
यह निगम की उदासीनता है और मैनहोल के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है. खराब क्वालिटी के मैनहोल के ढक्कन बन रहे हैं वह तो टूटेगा ही. पटना नगर निगम की मेयर का ध्यान इस क्षतिग्रस्त मैनहोल पर नहीं रहता है, बल्कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से निगम में कितना कार्य करवाया जा सके जिसने उन्हें कमीशन मिले, इस पर ज्यादा फोकस रहता है.- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी
अगर पिछले 5 साल की बात करें तो दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है. पिछले दिनों पटना सिटी अंतर्गत मंगल तालाब के पास मैनहोल का ढक्कन नहीं होने की वजह से 4 साल की रोशनी की गिरने से मौत हो गई तो वहीं पिछले साल पुनाइचाक इलाके में नाले में गिरने से 10 साल के दीपक की मौत हो गई है.