पटना:देश में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार नए-नए कीर्तिमान रच रहे हैं. इनके बढ़ते दामों को लेकर घमासान मचा हुआ है. राजधानी पटना में भी पेट्रोल की कीमत शतक लगाने की ओर है. राजधानी पटना में पेट्रोल 0.37 पैसे बढ़कर 92.91 रुपए प्रति लीटर हो गया. जबकि डीजल प्रति लीटर 0.38 पैसे महंगा होने के बाद 86.22 रुपये में बिक रहा है. पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से आम लोगों की नाराजगी सरकार के प्रति बढ़ती जा रही है. वहीं, अर्थशास्त्री भी बढ़ती महंगाई को लेकर काफी चिंतित दिख रहे हैं.
ये भी पढ़ें-पेट्रोल और डीजल के बढ़ती कीमतों से महंगी हुई सब्जियां, प्याज के दाम निकाल रहे आंसू
आसमान छू रही तेल की कीमत
बढ़ती महंगाई और तेल के दामों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर अर्थशास्त्री भी काफी चिंतित दिख रहे हैं.अर्थशास्त्रियों की मानें तो 2011 में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103.72 डॉलर प्रति बैरल थी, तो उस समय पेट्रोल और डीजल की कीमत 60 रुपए से नीचे थी और आज जब 2021 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 64.09 डॉलर प्रति बैलर है, तो हमारे यहां पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रहे हैं.
''यदि राज्य सरकार भी चाहे तो अपने राज्यों में आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत दे सकती है. जिस तरह से राज्य सरकार अपने यहां पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई हुई है. उसमें कमी कर लोगों को राहत देने का काम कर सकती हैं. राज्य का विकास का कार्य रुके नहीं, इसके लिए सरकार को किसी और चीज पर दो से तीन प्रतिशत करों में वृद्धि कर सकती हैं''- विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री
आम लोगों पर महंगाई की मार
बता दें कि बिहार सरकार अपने राज्यों में जो टैक्स लेती है उसमें सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल से लेती है. बिहार में पेट्रोल पर 26 फीसदी या 16.65 रुपए प्रति लीटर और डीजल बिक्री पर 19 फीसदी या 12.33 रुपए प्रति लीटर या दोनों में से जो अधिक हो का वैट लगाई जाती हैं. करीब 11 सालों में भारत में पेट्रोल की दरों में 34.54 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. वहीं, डीजल की दरों में 30.35 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.
लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत की वजह से महंगाई चरम सीमा पर पहुंचती जा रही है. जिसको लेकर अब लोगों का गुस्सा दिखने लगा है. ऐसे में लोगों का गुस्सा सड़क पर उतरे इससे पहले सरकार को महंगाई पर कंट्रोल की दिशा में काम करने की जरूरत है लोग भी अभी सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि सरकार उन्हें महंगाई से कब तक राहत दिलवा पाती है. बिहार में जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है. उससे लोगों ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की.
ये भी पढ़ें-पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 12वें दिन बढ़ोतरी, लोगों में आक्रोश
अनकंट्रोल महंगाई से त्रस्त जनता
कोरोनाकाल में हमारी अर्थव्यवस्था अभी ठीक ढंग से सुधर नहीं पाई है. लेकिन सरकार महंगाई पर महंगाई बढ़ाते जा रही है. हमें उम्मीद थी कि महंगाई पर केंद्र सरकार थोड़ा कंट्रोल करेगी. लेकिन अब वह उम्मीद भी टूट रही है. लोगों ने कहा कि कोरोना काल में गैस के दाम कम थे. लेकिन सरकार एक बार फिर से गैस के दाम में भी वृद्धि करती जा रही है.
''तेल की बढ़ती कीमत में हम क्या कर सकते हैं. कीमत तो ऊपर ही तय होती है. जिसको मोटरसाइकिल या गाड़ी पर चलना होता है, वह लोग हर दिन तेल भरवाने आते हैं''- मृत्युंजय कुमार, पेट्रोल पंप के ऑनर
तेल की कीमतों पर सियासी घमासान
तेल की बढ़ती कीमतों पर सियासी घमासान भी जारी है. विपक्ष ने बजट सत्र में महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है. सूबे के मुख्यमंत्री से जब तेल की बढ़ी कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी इस पर चिंता जाहिर की और कहा कि आज पेट्रोल की कीमत बढ़ी हुई है. कम होता तो अच्छा लगता. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमत पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है.