पटनाःमुंबई में विपक्षी एकता की बैठक का असर (Mumbai opposition unity meeting) दिखने लगा है. भाजपा और जदयू एक दूसरे पर निशाना साधने लगे हैं. जदयू इसलिए खुश है कि विपक्षी एकता में दलों की संख्या बढ़ रही है. जदयू ने NDA के घटक दल को तबलची करार दिया है. वहीं भाजपा ने I.N.D.I.A. के दल की तुलना गीदड़ से की है.
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NDA के घटक दल तबलचीः जदयू का कहना है कि हमारा कुनबा बढ़ रहा है, लेकिन दूसरी तरफ एनडीए का कुनबा घट रहा है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि हमारी संख्या लगातार बढ़ रही है. पहले 15 था, इसके बाद 26 हुई और अब इससे भी ज्यादा संख्या हो गई है. नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए में जो मोदी शाह बोलते हैं, घटक दल को वही करना होता है. सभी तबलची बन गए हैं. तबला नहीं बजाएंगे तो बाहर का रास्ता पकड़ा दिया जाएगा.
"महत्वपूर्ण यह है कि हम बढ़ रहे हैं और उनकी संख्या घट रही हैं. हमारी संख्या 15 से 26 और इससे भी आगे जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के जितने पिछलग्गू हैं, वे BJP के इशारे पर चलते हैं. NDA में कोई कानून नहीं है. मोदी शाह जो कह दिए, उसी का तबला बजाना है. तबलची के रूप में रहना है तो रहो नहीं तो जाओ. जनता के बीच सर्वे कीजिए पता चल जाएगा कौन आगे है?."-नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
नरेंद्र मोदी शेर हैंः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि देश के विकास के लिए एक आदमी काम कर रहा है. पूरr दुनिया में शेर की तरह दहाड़ रहा है, लेकिन जितने घपले घोटालेबाज हैं मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं. इसका परिणाम क्या होगा यह सब कोई जानता है. देश की जनता ने पहले भी प्रधानमंत्री बनाया है और आगे भी प्रधानमंत्री बनाएगी. अरविंद ने नरेंद्र मोदी को शेर और विपक्ष के नेताओं को गीदड़ बताया.
"एक विकास पुरुष इस देश में भलाई और विकास के लिए निकले हैं. पूरी दुनिया में शेर की तरह दहाड़ रहे हैं. जितने भी गीदड़ थे, वे शेर के गले में घंटी बांधने के लिए मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं. इसका परिणाम क्या होगा, देश की जनता सब जानती है? देश में विकास करने वाले को जनता ने प्रधानमंत्री बना दिया है, और आगे भी बनाएगी. ये घोटालेबाज और आतंकवादी के पोशक का मंसूबा फेल हो जाएगा."-अरविंद सिंह, प्रवक्ता भाजपा
मुबई में तीसरी बैठकः शुक्रवार को मुंबई में विपक्षी एकता की तीसरी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में सीट बंटवारे के साथ साथ संयोजक के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है. इसको लेकर अभी से जदयू अपना पीठ थपथपाने लगी है, क्योंकि नीतीश कुमार का शुरू किया गया अभियान सफल होता दिख रहा है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेता अलग दावा कर रहे हैं. इससे पहले 23 जून को पटना में और 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक हुई थी.