पटना: अब बिहार में जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र राजस्व अधिकारी के माध्यम से बनाया जाएगा. राज्य में सेवा का अधिकार अधिनियम (आरटीएस) कानून के तहत प्रमाण पत्र बनाए जाते है. इस कानून में बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से राज्य के सीईओ की जगह अब राजस्व अधिकारीजाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र जारी करेंगे. 31 मार्च तक अंचलाधिकारी (सीईओ) के माध्यम से ही जारी प्रमाण पत्र मान्य होंगे.
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एसडीओ के पास कर सकते हैं अपील
इन प्रमाण पत्रों को बनाने की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 10 दिनों के अंदर जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र बना कर देना होगा. तत्काल मामले में इन प्रमाण पत्रों को 2 दिनों में जारी करने की व्यवस्था यथावत रहेगी. नई व्यवस्था एक अप्रैल 2021 से राज्य में लागू होगी. सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक इन तीनों प्रमाण पत्रों को बनाने में देरी होती है. तो प्रथम अपील एसडीओ के पास कर सकते हैं. इसका निपटारा 15 दिनों में करना करना होगा दूसरी अपीलीय अधिकारी डीएम हैं. उनके स्तर से भी 15 दिनों में मामले का निपटारा होगा.
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30 दिनों में करना होगा मामले का निष्पादन
सामान प्रशासन विभाग के माध्यम से जारी अधिसूचना के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कुछ सेवाओं को भी सेवा का अधिकार अधिनियम कानून के दायरे में लाया गया है. इसमें एलोपैथिक, आयुष, कॉस्मेटिक और ब्लड बैंक के निर्माण या नवीकरण के लाइसेंस राज्य औषधि नियंत्रक के माध्यम से 30 दिन में जारी करना होगा. ऐसा नहीं होने पर पहले अपील के तहत वरीय प्रभारी पदाधिकारी (निदेशालय औषधि नियंत्रण प्रशासन) और दूसरे अपील के तहत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के पास मामला जाएगा. दोनों अपील के स्तर पर 30 दिनों में मामले का निष्पादन करना होगा.