पटना:बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए मौद्रिक नीति का स्वागत किया है. बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि मौद्रिक नीति में कुछ प्रावधान ऐसे किए गए हैं, जिससे बाजार में लिक्विडिटी की उपलब्धता बढ़ेगी.
इस नीति से ग्राहकों को आरटीजीएस की सुविधा 24x7 उपलब्ध कराया जाएगा. इससे निश्चित रूप से इज ऑफ बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. मौद्रिक नीति के हाउसिंग लोन के रिस्क वेटेज के लिए अब केवल लोन टू वैल्यू से लिंक करने की व्यवस्था की जा रही है. इससे हाउसिंग ऋण का प्रवाह बढ़ेगा. जिसका लाभ हाउसिंग प्रक्षेत्र को मिलेगा.
'उद्योगों की स्थिति में आएगा कुछ सुधार'
इसके आलवा उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हाउसिंग प्रक्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण संकट के दौर से गुजर रहे हैं. हाउसिंग प्रक्षेत्र में गति आने से निश्चित ही इससे जुड़े उद्योगों की स्थिति में कुछ सुधार आएगा और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन 'अर्थव्यवस्था में आई गिरावट छूट चुकी पीछे'
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पर हुई इस साल की पांचवीं बैठक में नीतिगत दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है. नवगठित मौद्रिक नीति समिति की यह पहली बैठक हुई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं.
मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
- रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
- आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की है.
- शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है.
- नियंत्रण या अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.
- चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है.
- जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान है.
- वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में गति मिल सकती है. वहीं, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी.
- चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.
- रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाए रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20 हजार करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे.
- वहीं, मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य उज्ज्वल और कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद जताई जा रही है.