पटना:बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के कई इलाके जलमग्न हैं. हालांकि राहत की बात ये रही कि सोमवार को बारिश थमी रही. इस बीच पहले की बारिश के कारण जलमग्न इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज हो गए हैं. राहत और बचाव में मदद के लिए केंद्र सरकार ने वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं, जिससे पानी से घिरे लोगों के लिए खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं.
टीमें कर रहीं मुस्तैदी से काम इसके बावजूद अनेक प्रभावित इलाकों में पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है. इससे प्रभावित लोगों में नाराजगी है. तीन दिनों से अपने निजी आवास में 'कैद' राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित उनके परिवार के सदस्यों को भी जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया.
सुशील मोदी को निकाला बाहर सीएम ने किया हवाई सर्वे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जबकि पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पानी में घुसकर लोगों की मदद की और राहत सामग्री बांटी. पटना जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पटना के कई इलाकों में जमा पानी निकलने लगा है. राजेंद्र नगर और कंकड़बाग में अभी भी पानी भरा हुआ है.
हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही मदद हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही मदद
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि पटना के प्रभावित इलाकों में वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर फूड पैकेट्स गिराते नजर आए. पटना के जल-जमाव वाले कई इलाकों में बिजली नहीं है, जिससे लेाग परेशान हैं. कई इलाकों में सबसे बड़ी परेशानी पीने के पानी को लेकर है.
लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा
राहत सामग्री का वितरण नाकाफी होने के कारण लोगों का गुस्सा सरकार पर साफ दिख रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पटना में पूरी सरकार है, लेकिन अभी तक कोई भी नेता पानी से घिरे लोगों के बीच नहीं पहुंचा. पिछले तीन दिनों से जलजमाव के कारण पानी बदबू करने लगा है. पटना की सड़कों पर नावें चल रही हैं, जबकि घरों और अस्पतालों में पानी भरा हुआ है. अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
घरों में जरूरी सामान खत्म
राजधानी के राजेंद्र नगर सहित कई निचले इलाकों में दुकानें बंद होने से लोगों को जरूरी सामान खरीदना भी मुश्किल हो गया है. पटना जिला प्रशासन के मुताबिक जल जमाव वाले क्षेत्रों से 25 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला गया है. जल जमाव वाले क्षेत्रों में खाने के पैकेट बंटवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और ट्रैक्टरों को लगाया गया है.