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पहली बारिश में ही पटना में यूं डूबी कार, डॉक्टर का JCB से करना पड़ा रेस्क्यू

बारिश के कारण पटना में एक बार फिर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस बीच जलजमाव में फंसे एक डॉक्टर का जेसीबी क्रेन से रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया.

पटना जलजमाव की तस्वीर
पटना जलजमाव की तस्वीर

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Published : Jun 21, 2020, 2:28 PM IST

पटना:मानसून की दस्तक के साथ ही राजधानी में नीतीश सरकार, नगर निगम और बुडको के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. ताजा तस्वीरें पटना के पुनाइचाक इलाके की है. जहां बारिश के कारण हुए जलजमाव में एक डॉक्टर कार सहित फंस गए. हालात ये हुआ कि जेसीबी की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद उनका रेस्क्यू किया गया.

जानकारी के मुताबिक डॉक्टर कार में बैठे-बैठे मदद की लिए चारों तरफ देखते रहे. काफी चिल्लाने के बाद जब कोई सहायता नहीं मिली तो उन्होंने अपने परिजनों को फोन किया. परिजनों ने तत्काल जिला प्रशासन को फोन कर इसकी जानकारी दी. प्रशासन हरकत में आया और जेसीबी लेकर घटनास्थल पर पहुंचा.

जलजमाव के बीच फंसे लोग

डॉक्टर को सुरक्षित बचाया
कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टर का सफल रेस्क्यू किया गया. उन्हें सुरक्षित पानी से निकाला गया. बता दें कि महज 2 घंटे की बारिश के बाद हालात इतने खराब हो गए कि किसी की जान पर बन आई. इससे पहले भी गुरुवार को राजेंद्र नगर, कदमकुंआ, लोहानीपुर, राजवंशी नगर, पुनाईचक जैसे इलाके तो पानी में डूबे ही, स्टेशन रोड और फ्रेजर रोड जैसे पॉश इलाकों में भी मुख्य सड़क पर पानी जमा हो गया था.

देखें वीडियो

सरकार का दावा- नहीं डूबेगा पटना
साल 2019 में बरसात के मौसम में पटना की जो स्थिति हुई थी, उससे कोई अछूता नहीं रहा है. भारी बारिश के कारण पटना पूरी तरह से डूब गया था. हालांकि इसके बाद सरकार और नगर निगम की तरफ से दावा किया गया था कि इस साल की बारिश में पटना नहीं डूबेगा और जलजमाव की स्थिति नहीं होगी. लेकिन बीते गुरुवार को मॉनसून की पहली बारिश ने सभी दावों की पोल खोल दी.

ड्रेनेज सिस्टम पर सवाल
पिछले साल जो भयावह तस्वीर दिखी, उसे राज्य सरकार और नगर निगम ने भले ही प्राकृतिक आपदा का नाम दिया हो, लेकिन उनकी ये दलील लोगों के गले नहीं उतरी. क्योंकि ये पहली बार नहीं थी, जब बारिश हुई. लेकिन जब ड्रेनेज सिस्टम ही काम नहीं करेगा तो पानी भला कहां जाएगा?

संप हाउस को दुरुस्त करने का काम जारी
पिछले सबसे अधिक फजीहत इस बात को लेकर भी हुई थी कि ऐन मौके पर संप हाउस ने काम करना बंद कर दिया. पटना में फिलहाल 39 संप हाउस हैं. जबकि 17 जगहों पर नए संप हाउस बनाने की योजना है. पिछली बार जैसी स्थिति दोबारा उपन्न न हो. लिहाजा बुडको ने संप हाउसों के संचालन का ज़िम्मा तीन वर्षो के लिए निजी हाथों को सौंप दिया. इसके अलावे निगम क्षेत्र के करीब 8 लाख फीट खुले नाले, 24,349 मेनहॉल और 18,444 कैचपीट की उड़ाही की जा चुकी है.

हालात से निपटने को तैयार निगम?
बहरहाल बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण जलजमाव से निपटने के लिए अबतक निगम की कोई भी तैयारी मुकम्मल नहीं हो पाई है. हालांकि दावे जरूर किए जा रहे हैं कि पिछली बार जैसी स्थिति नहीं होगी. मगर दावों का क्या, वो तो पिछली बार भी हुए थे. सरकार तो जलजमाव का ठीकरा एक बार फिर हथिया नक्षत्र पर फोड़कर अपना पल्ला झाड़ लेगी. मुसीबत तो आम लोगों को ही झेलनी पड़ेगी.

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