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बिल्डर्स के खिलाफ शिकायतों की झड़ी, 1100 से ज्यादा कंपनियों में 796 ही RERA के तहत रजिस्टर्ड - Registration in RERA

मौजूदा समय में प्रदेश में 1100 से ज्यादा बिल्डर्स विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. जिनमें हजारों लोगों की जीवन भर की पूंजी लगी है. लेकिन, इनमें से अब तक महज 796 ही रेरा के तहत रजिस्टर्ड हैं.

रेरा अध्यक्ष अफजल अमानुल्लाह

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Published : Nov 8, 2019, 6:46 PM IST

पटना:प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो अपने घर का सपना संजोए बैठे हैं. इन लोगों ने घर के सपने को पूरा करने के लिए उम्र भर की पूंजी लगा दी. लेकिन, अब तक अपना आशियाना नसीब नहीं हुआ. इन दिनों बिहार में बिल्डर्स के खिलाफ काफी शिकायतें दर्ज हो रही हैं. रेरा लगातार इन पर कार्रवाई भी की जा रही है.

दरअसल, कई बिल्डर्स घर दिलवाने के नाम पर जनता के रुपये ऐंठ रहे हैं. लेकिन, इसके एवज में उन्हें छत भी नसीब नहीं हो रही है. रेरा इन बिल्डर्स की शिकायतों को गंभीरता से लेकर इनको निपटान में लगा हुआ है. हालांकि, इससे कुछ ही लोगों को न्याय मिल पाया है.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

1100 से ज्यादा प्रोजेक्टस पर हो रहा है काम
बता दें कि मौजूदा समय में प्रदेश में 1100 से ज्यादा बिल्डर्स विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. जिनमें हजारों लोगों की जीवन भर की पूंजी लगी है. लेकिन, इनमें से अब तक महज 796 ही रेरा के तहत रजिस्टर्ड हैं, जबकि जो भी बिल्डर्स बिहार में काम करते हैं उन्हें रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. बिना रजिस्ट्रेशन के न तो वे कोई प्लॉट या फ्लैट बेच सकते हैं और न ही उनकी खरीद हो सकती है.

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रेरा अध्यक्ष ने दी जानकारी
इन हालातों पर रेरा अध्यक्ष अफजल अमानुल्लाह का कहना है कि जो भी प्रोजेक्टस रजिस्टर्ड नहीं है उनके लिए प्रयास जारी है. वहीं, अगर शिकायतों की बात करें तो 700 से ज्यादा शिकायतें रेरा के पास अब तक आई हैं. जिनमें विभिन्न बिल्डर के खिलाफ जांच चल रही है. अब तक 118 मामलों में सुनवाई हुई है. साथ ही बिल्डर्स को दंड स्वरूप निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा गया है.

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