पटना:रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी(RERA) बिहार की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भ्रामक सूचना से लोगों को बचने की सलाह दी है. रेरा की तरफ से कहा गया है कि कुछ समाचार पत्र में भ्रामक जानकारी दी जा रही है. इसके अनुसार, 30 अगस्त 2018 के बाद निजी और व्यावसायिक बहुमंजिला इमारतों के निर्माण और खरीद-बिक्री पर RERA अधिनियम लागू होगा. जबकि यह 2017 से ही लागू है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते आर बी सिन्हा 1 मई 2017 से ही लागू है RERA
RERA के सदस्य आरबी सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि रेरा अधिनियम 2016 केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कानून है. यह दिनांक 1 मई 2017 से ही पूरे राज्य में बिल्डरों के लिए कानून लागू है. इसके अधिनियम और नियमावली के सभी प्रावधान पहले की तरह ही बरकरार हैं. कंज्यूमर को मुश्किलों से बचाने के लिए RERA हमेशा प्रतिबद्ध रहता है.
RERA सदस्य आर बी सिन्हा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भ्रामक सूचना से बचने की दी सलाह RERA के तहत निबंधन जरूरी
एक सवाल के जवाब में आरबी सिन्हा ने कहा कि सरकार ने रेरा का निबंधन जरूरी नहीं होने की बात कभी नहीं की. उन्होंने रजिस्ट्री को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी बिल्डरों को RERA का निबंधन जरूरी है. RERA के मानक के अनुसार ही बिल्डरों को अपार्टमेंट का निर्माण करना है. ग्राहकों से किया गया हर वायदा पूरा करना है.
RERA अधिनियम से लोगों को मिल रहा लाभ
गौरतलब है कि बिहार में रेरा अधिनियम को सख्ती से लागू है. इससे ग्राहकों से होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगा है. इसके तहत बिल्डरों के लिए एक मानक तय किया गया है. जिससे ग्राहकों को समय पर आशियाना मिल रहा है. हालिया दिनों में बिहार कैबिनेट ने कुछ शर्तों पर बिल्डरों को फ्लैट रजिस्ट्री के नियम में छूट दी है. लेकिन RERA का निबंधन बिल्डर को करना होगा. साथ ही रेरा अधिनियम के तहत ही फ्लैट की बिक्री होगी.