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पटना विश्वविद्यालय : 21 सितंबर को होगी ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षाएं - Patna University Examination

मनोज मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में मार्च महीने में शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था. उस समय पटना विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की परीक्षाएं जारी थी. लॉकडाउन के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने से पटना विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की कुछ परीक्षाएं लंबित रह गई थीं.

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Published : Sep 8, 2020, 3:45 PM IST

पटना:मंगलवार को ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षाओं के संबंध में ईटीवी भारत ने पटना विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षाओं के डेट की घोषणा कर दी है. यह परीक्षा 21 सितंबर को आयोजित की जाएगी.

मनोज मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में मार्च महीने में शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था. उस समय पटना विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की परीक्षाएं जारी थीं. लॉकडाउन के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने से पटना विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की कुछ परीक्षाएं लंबित रह गई थीं, जिन्हें अब 21 सितंबर को कराया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'परिक्षा विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता'
विवि रजिस्ट्रार मनोज मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि परीक्षा खत्म होने के 10 दिनों के अंदर ही रिजल्ट का भी प्रकाशन हो जाएगा, क्योंकि अधिकांश विषयों की परीक्षाओं का मूल्यांकन हो चुका है और सिर्फ कुछ बची हुई परीक्षाओं के कारण ही मेन रिजल्ट आना शेष है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षाओं को आयोजित कराया जाए ताकि छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने या किसी नौकरी क्षेत्र में मार्कशीट की उपलब्ध कराने में असुविधा न हो.

पटना विवि के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा

'एंट्रेंस और एग्जिट का टाइम अलग-अलग'
मनोज मिश्रा ने बताया कि यह एग्जाम नए तरीके से होगा. सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किया जाएगा. साथ ही दो शिफ्ट में एग्जाम ली जाएगी. उन्होंने बताया कि स्टूडेंट के एंट्रेंस और एग्जिट का टाइम अलग-अलग होगा. साथ ही यह ध्यान दिया जाएगा कि एक बार में ज्यादा बच्चे प्रवेश ना करें और ना ही एक बार में ज्यादा बच्चे परीक्षा हॉल से बाहर निकले.

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