गोपालगंज:16 अगस्त 2016 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor Case) ने 19 लोगों की जान ले ली थी जबकि 6 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी. इस घटना के साढ़े 4 साल बाद (5 मई 2021) गोपालगंज के एडीजे-2 कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई थी. अदालत ने कुल 13 दोषियों में 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सभी दोषियों को बरी कर दिया.
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परिजनों ने बयां किया अपना दर्द:कोर्ट का फैसला आते ही दोषियों के परिजनों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी आप बीती बताई उसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए. परिजनों ने बताया कि कोर्ट ने हमारे अपनों को फांसी और उम्र कैद की सजा सुनाई थी.घर सील कर दिया गया, उसके बाद से ही हम सभी दर-दर की ठोंकरें खा रहे हैं. घर में कमाने वाला कोई नहीं जिसके कारण बच्चों की परवरिश भी ठीक से नहीं हो सकी. कई दोषी तो ऐसे भी हैं जिनके घर का एकलौता चिराग बुझ गया लेकिन वह आखिरी बार उसे देख भी नहीं सका.
छठु पासी को एकलौते बेटे की मौत की नहीं जानकारी:वहीं जहरीली शराब कांड में सजा से मुक्त हुए लोगों में शिव नारायण पासी का बेटा छठु पासी भी है. छठु पासी बेल पर छूटा था इसके बाद पुनः उसे मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया और फांसी की सजा सुनाइ गई थी. सजा सुनाए जाने के एक माह बाद अप्रैल में उसके एकलौते बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई. बेटे की मौत पर वह अपने बेटे के मृत शरीर को भी नहीं देख सका था. परिजनों ने अब तक उससे उनके बेटे की मौत की खबर छिपा कर रखी है.
"मेरे पिता हार्ट के मरीज हैं. हमने उन्हें भाई की मौत की खबर अब तक नहीं दी है. ऐसे में जब यह जानकारी मिलेगी कि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया तो उनपर क्या बीतेगी इसको लेकर हम सभी चिंतित हैं. दोष मुक्त होने की खुशी है लेकिन भाई की मौत पर दुख है. पिता कैसे दुख सहन करेंगे."-रिंकी कुमारी, छठु पासी की बेटी