धान खरीद के मामले में टूटा पिछले 10 सालों का रिकार्ड, गेंहू खरीद में भी किसानों को मौका दे रही सरकार - corona latest news
सहकारिता मंत्री के अनुसार 2 लाख 80 हजार से अधिक किसानों के धान खरीदे गए हैं. इसके लिए साढे 36 हजार करोड़ भुगतान किया गया है. अब केवल 33 किसानों का भुगतान ही बचा हुआ है. सहकारिता मंत्री के अनुसार पिछले 10 सालों में इतनी धान की कभी नहीं खरीद हुई है.
सहकारिता मंत्री
By
Published : May 12, 2020, 4:50 PM IST
पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉक डाउन के बावजूद धान खरीद पिछले 10 वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक हुई है. बता दें कि 2014 -15 में 19 लाख टन धान की खरीद हुई थी. लेकिन इस बार 20 लाख टन से अधिक की धान खरीद हुई है. हालांकि, बिहार सरकार ने इस वित्तिय साल के लिए 30 लख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखी थी. वहीं, गेहूं खरीद में सरकार अभी काफी पीछे है. लेकिन सहकारिता मंत्री का कहना है कि 15 जुलाई तक किसान जितना गेहूं सरकार को बेचना चाहेंगी वह सरकार खरीदेगी.
पिछले साल से 5 लाख टन अधिक धान की खरीद बिहार में लॉक डाउन के कारण शुरुआत में धान खरीद पर असर पड़ा था. लेकिन लॉक डाउन के दौरान कृषि कार्य को मुक्त किए जाने के बाद धान खरीद ने गति पकड़ी थी. कई समस्याओं के बावजूद कृषि विभाग और सहकारिता विभाग ने धान खरीद में पूरी ताकत लगा दी थी. जिस वजह से इस साल के 20 लाख टन से अधिक धान खरीद की गई है. जो पिछले साल से 5 लाख टन से अधिक है. बिहार के बाढ़ और सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों में भी इस बार धान की खरीदारी खूब हुई है.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट
सुखाड़ प्रभावित गया जिले में भी इस बार धान की खरीद अच्छी हुई है. कैमूर में सबसे अधिक धान खरीद की गई, तो वही पटना, नालंदा जिला में भी धान खरीद के मामले में अव्वल रहा है. बाढ़ और सुखाड़ से प्रभावित 15 जिलों में 37% धान की खरीद की गई है. अरवल जैसे छोटे जिलों में भी किसानों ने 55 हजार टन धान सरकार को बेची हैय
पिछले 6 वर्षों में धान की खरीद को देखें तो इस साल सबसे अधिक है:-
2014-15
19.01 लाख टन
2015-16
18.23 लाख टन
2016-17
18.42 लाख टन
2017-18
11.84 लाख टन
2018- 19
14.16 लाख टन
2019-20
20.03 लाख टन
कृषि विभाग के अनुसार बिहार के नालंदा, नवादा, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद, अरवल, पूर्णिया, समस्तीपुर, पटना, भोजपुर, गया में इस बार बाढ़ और सुखाड़ से किसानों को सरकार ने क्षतिपूर्ति भी दिया है. इन जिलों के किसानों ने धान खरीद में अपनी हिस्सेदारी 37 % तक दी है.
'2 लाख 80 हजार से अधिक किसानों से हुई खरीद' सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह के अनुसार 2 लाख 80 हजार से अधिक किसानों के धान खरीदे गए हैं. इसके लिए साढे 36 हजार करोड़ भुगतान किया गया है. अब केवल 33 किसानों का भुगतान ही बचा हुआ है. सहकारिता मंत्री के अनुसार पिछले 10 सालों में इतनी धान की कभी नहीं खरीद हुई है.
बिहार में पिछले 2 सालों से गेहूं की भी खरीदारी हो रही है इस साल सरकार ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर 7 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. लेकिन अब तक 3 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीद हो सकी है. धान खरीद कम होने का बड़ा कारण सरकार ने जो मूल्य निर्धारित किया है. वह मूल्य बाजार में भी किसानों को मिल रहा है और सरकार भी यही चाहती है कि किसानों को किसी तरह का नुकसान ना हो. यह संतोषजनक स्थिति है. हालांकि सहकारिता मंत्री का यह भी कहना है किसान 15 जुलाई तक जितना गेहूं सरकार को बेचना चाहे सरकार खरीदेगी.
धान खरीद में इस बार कई सालों का रिकॉर्ड टूटा बिहार में सरकार ने धान खरीद का लक्ष्य 30 लाख टन रखा था. हालांकि सहकारिता मंत्री का कहना है कि सरकार सांकेतिक लक्ष्य रखती है. और लॉक डाउन के कारण सरकार ने धान खरीद की तिथि भी बढ़ाई. उसका फायदा किसानों को भी मिला है. धान खरीद में इस बार कई सालों का रिकॉर्ड टूटा है. अब गेहूं की खरीद में भी सरकार किसानों को मौका दे रही है.