पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमारपर हुए हमले के बाद उनकी की सुरक्षा (Security of CM Nitish Kumar) और अधिक सख्त होगी. इस मामले में वर्मा आयोग की अनुशंसा (Recommendation of Verma Commission) का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. इसको लेकर एडीजी (विशेष सुरक्षा शाखा) ने सभी रेंज आइजी, डीआइजी, डीएम, एसएसपी एवं एसपी को लिखित आदेश जारी किया है. दअरसल समुचित सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कंटिजेंसी प्लान हमेशा तैयार करके रखने का खासतौर से निर्देश दिया गया है. इस प्लान को कार्यक्रम के पहले विशेष सुरक्षा दल के पदाधिकारियों के साथ साझा करना होगा.
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नीतीश कुमार की सुरक्षा सख्त होगी:सीएम की सुरक्षा खासकर आंतरिक और बाहरी घेरे में तैनात होने वाले सभी सुरक्षा कर्मियों या पदाधिकारियों के पास वैध आई-कार्ड मौजूद रहेगा. ये कर्मी सीएम को भीड़ से दूर रखेंगे. इस घेरे में किसी बाहरी लोगों को प्रवेश करने से रोका जाएगा और किसी कार्यक्रम स्थल पर बिना चेकिंग के किसी व्यक्ति का प्रवेश नहीं होगा. जहां कार्यक्रम होगा, वहां के डीएम और एसपी को सभी मानकों और सुरक्षा चेकिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करते हुए एक संयुक्त आदेश जारी किया जाएगा. इसकी जानकारी एसएसजी मुख्यालय और अन्य वरीय पदाधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगा.
वर्मा आयोग की अनुशंसा का पालन: इस आदेश में हेलीपैड, डी-एरिया, कारकेड का मूवमेंट समेत अन्य सभी पहलुओं पर अलग-अलग स्तर पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने से संबंधित दिशा-निर्देश का पालन करने से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना भेजी गयी है, जिसका पालन जिला प्रशासन को हर हाल में करना है. वर्तमान में मुख्यमंत्री को जेड प्लस की श्रेणी और एसएसजी की सुरक्षा मिली हुई है. मुख्यमंत्री के साथ हाल में हुई घटना को देखते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था की फिर से सघन समीक्षा की गयी है. अब सीएम की सुरक्षा में सभी मानकों का पालन केंद्र सरकार द्वारा 1991 में गठित वर्मा आयोग की अनुशंसा के आधार पर किया जाएगा.
सुरक्षा में चूक बर्दाश्त नहीं: इसकी रिपोर्ट में बतायी गयी तमाम बातों का पालन पूरी सख्ती से करने के लिए कहा गया है ताकि किसी सूरत में किसी स्तर पर कोई चूक नहीं हो. इसे लेकर एडीजी (विशेष सुरक्षा शाखा) ने सभी रेंज के आइजी, डीआइजी के अलावा सभी डीएम एवं एसपी को लिखित आदेश जारी किया है. इसमें सुरक्षा के सभी मानकों का पालन बिना किसी चूक के करने से संबंधित निर्देश दिये गए हैं. वर्तमान में कोविड से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का भी पालन करने के लिए कहा गया है. किसी कार्यक्रम या स्थल भ्रमण या पैदल भ्रमण के दौरान असामाजिक तत्वों की पहचान कर इन पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए पदाधिकारी या मजिस्ट्रेट की तैनाती भी संबंधित स्थल पर रहेगी.
पुलिस मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट: पुलिस मुख्यालय ने पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को जांच रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा दिया था. एसएसपी ने यह रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. अब इस घटना की अंतिम जांच होने के बाद समेकित रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी जायेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की होगी. जांच के दौरान उस दिन के पूरे घटनाक्रम की जांच और तमाम बारीकियों पर भी विचार-विमर्श किया. साथ ही इस दौरान किस स्तर पर लापरवाही बरती गयी, इस बारे में भी विस्तार से छानबीन की गयी. विशेष शाखा के आईजी का स्पॉट पर जाकर मुआयना करने के पीछे मुख्य वजह सीएम की सुरक्षा में तैनात एसएसजी जवानों के स्तर से हुई सुरक्षा में हुई चूक की गहन समीक्षा करना था. यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि तीन लेयर के तैनात सुरक्षा घेरे में किस जवान के कारण इस तरह की चूक हुई.
बख्तियारपुर में नीतीश कुमार पर हमला:बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के बख्तियारपुर में हमला हुआ था. एक कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने अचानक उनको पीछे से आकर मुक्का मार दिया. इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने युवक को कब्जे में ले लिया. उसके बाद उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस उससे पूछताछ कर उसके ऐसी घटना करने के पीछे का मकसद और पहचान करने में जुट गई. जिसके बाद पता चला कि युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त है. घटना से उसके परिवार वाले भी दुखी हैं. आरोपी अभी भी पुलिस की हिरासत में है.
हमलावर शंकर को मिली छुट्टी:इस बीच सीएम पर हमला करने वाले आरोपी शंकर को पीएमसीएच से छुट्टी मिल गई है. तीन दिन अस्पताल में रखने के बाद उसे दवा देकर डिस्चार्ज कर दिया गया है. चिकित्सकों ने उसका साइकेट्रिक इवेल्यूशन भी किया था. डॉ. आरडी सिंह ने कहा कि उसकी स्थिति इस तरह की नहीं थी कि मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए.
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