पटना: विधानसभा में सोमवार को बिहार का बजट पेश किया गया. इस दौरान वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Finance Minister Tarkishore Prasad ) शुरू से ही शायराना अंदाज में (Poetry In The Bihar Budget Speech) दिखे. उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र के संस्कृतनिष्ठ वाक्यों से अपना बजट भाषण शुरू किया. तारकिशोर प्रसाद ने कहा,'अलबद्ध लाभार्थ, लब्ध परिरक्षणी, रक्षित विवर्धनी, वृधश्य तिर्थे प्रतिपादनी च' अर्थात जो प्राप्त ना हो उसे प्राप्त करना. जो प्राप्त हो चुका है उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो चुका है उसे समानता के आधार पर बांटना.' वहीं सात निश्चय-2 की उपलब्धि पेश करने से पहले अटल बिहारी वाजपेयीकी कविता 'गीत नया गाता हूं' को सुनाकर खूब तालियां बटोरीं.
ये भी पढ़ें-Bihar Budget 2022: उद्योग विभाग के लिए बजट में 1643 करोड़ 74 लाख रुपये आवंटित
'7 निश्चय -2' योजना के बजटीय प्रावधान की घोषणा करने से पहले तारकिशोर प्रसाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता 'गीत नया गाता हूं टूटे हुए तारों से, फूटे बासंती स्वर, पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर, झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात, प्राची में अरुणिम की रेख देख पाता हूं, गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं.'की लाइनें कहीं. बता दें कि 7 निश्चय-2 योजना के लिए 5 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान मौजूदा वित्त वर्ष में किया गया है. इस योजना की अब तक उपलब्धियों को सदन में रखने से पहले उन्होंने अटल बिहारी की कविता की लाइनों को दुहराया.
उद्योग में निवेश मद में वर्ष 2022-23 में 160043.74 लाख रुपये का प्रावधान किया गया. इसी दौरान तारकिशोर प्रसाद ने बिहार सरकार के सबसे अहम विभाग की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए हुए एक और शायरी कही- 'मंजिल यूं ही नहीं मिलती राही को, जुनून दिल में जगाना पड़ता है. पूछा चिड़िया से घोसला कैसे बनता है, वो बोली तिनका-तिनका उठाना पड़ता है.'
अपने बजटीय भाषण के बीच तारिकशोर प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2021-22 में बिहार देश में सबसे ज्यादा आर्थिक विकास दर हासिल करने वाला स्टेट रहा है. बजट भाषण के समापन से पहले उन्होंने कहा,'कौन कहता है कामयाबी किस्मत तय करती है, इरादों में दम हो तो मंजिलें भी झुका करतीं है.'