पटना: राजधानी में कड़ाके की ठंड में भी लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. प्रशासन दावा कर रही है कि गरीब तबके के लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब पटना जंक्शन पहुंची तो, नजारा कुछ और ही था.
कई जगह रैन बसेरा
कई दिनों से शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. शाम होते ही चारों तरफ कोहरा छा जाता है. गरीब लोगों के रहने के लिए शहर में कई जगह रैन बसेरा बनाया गया है. लेकिन कई लोगों को रैन बसेरा के बारे में जानकारी भी नहीं है. इसलिए लोग सड़कों पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं.
रैन बसेरा में खाली पड़े बेड गरीबों को नहीं मिल रहा फायदा
जिला प्रशासन ने सभी चौक-चौराहे पर रैन बसेरा बनाया है. लेकिन इसके बावजूद रेलवे स्टेशन पर भी खाली जगह में खुले आसमान के नीचे लोग सोए रहते हैं. रैन बसेरा का फायदा गरीब तबके के लोगों को नहीं मिल रहा है. वहीं स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को कई बार देर रात होने के बाद वाहनों की सुविधा नहीं मिल पाती है. जिसकी वजह से वो वहीं स्टेशन पर ठंड में ठिठुरते हुए रात गुजारते हैं.
रैन बसेरा की नहीं है जानकारी
कुछ लोगों ने यह भी बताया कि रैन बसेरा के बारे में जानकारी नहीं है. वहीं जो लोग दूसरे जिले से आकर राजधानी पटना में अपना भरण-पोषण और मजदूरी करते हैं, उन्हें रैन बसेरा में सोने की इजाजत नहीं दी जाती है. ईटीवी भारत की टीम जब रियलिटी चेक करने के लिए पटना के कई रैन बसेरा में पहुंची, तो वहां एक-दो लोग ही सोए नजर आए. जबकि रैन बसेरा में 25 बेड लगे हुए हैं, लेकिन सभी बेड खाली पड़े हैं और गरीब ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.