नई दिल्ली: कुछ दिन पहले बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई थी और उसके बाद बिहार विधानसभा में एनपीआर-2020 और एनआरसी को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ. प्रस्ताव पारित होने के बाद से बीजेपी में मायूसी है. दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात के बाद कहा कि बिहार सरकार को अस्थिर नहीं छोड़ सकते. इस बाबत, कई राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे. दिल्ली में ईटीवी भारत ने बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी वीरेंद्र राठौर से इस मुलाकात के बारे में बात की है.
NDA में असहज महसूस कर रहे हैं नीतीश कुमार- वीरेंद्र राठौर - politics of bihar
नीतीश-तेजस्वी मुलाकात और उसके बाद बिहार में एनपीआर संसोधन और एनआरसी न लागू होने का पारित हुआ प्रस्ताव कई राजनीतिक सवाल खड़े कर रहा है. इस बाबत वीरेंद्र राठौर ने कहा कि नीतीश कुमार एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं.
मुलाकात के बाद बड़ा सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार महागठबंधन में फिर से वापस आएंगे? इसपर बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया है. उनका यह कदम स्वागत के योग्य है. बिहार के हित के लिए लिया गया निर्णय है इसलिए हम लोगों ने नीतीश कुमार का समर्थन किया.
खुले हैं महागठबंधन के द्वार- वीरेंद्र राठौर
वीरेंद्र राठौर ने कहा कि पूरे देश भर में दंगा-फसाद कराकर बीजेपी देश का माहौल खराब कर रही है. नीतीश कुमार खुद को एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं. वह अपने एजेंडे को बिहार में लागू नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को निर्णय लेना चाहिए कि वह एनडीए में रहना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, कोई भी दल कहीं भी आ-जा सकता है, नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के रास्ते खुले हैं.