बिहार

bihar

ETV Bharat / state

रिटायर्ड कर्नल और बोले डॉक्टर - देश में हुआ बड़ा बदलाव, जरूरी था J&K से 370 का हटना

धारा-370 के मुद्दे पर रिटायर कर्नल मोहम्मद अहमद अंसारी ने विचार रखते हुए कहा कि मैं तो एक फौजी अफसर रह चुका हूं. देश हमारे लिए प्राथमिकता है. पूरे देश में एक समान कानून हो ये एक फौजी के जहन में रहता है.

reaction-of-dignitaries-of-bihar-on-370-act-in-jammu-kashmir

By

Published : Aug 5, 2019, 11:26 PM IST

पटना: केंद्र सरकार की एक बड़ी जीत के रूप में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019 राज्यसभा और लोकसभा में पारित हो गया. जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने को लेकर सरकार ने राज्यसभा और लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसे वह पास कराने में कामयाब रही. इस पर बिहार के प्रतिष्ठित लोगों ने अपनी राय ईटीवी भारत से साझा की है.

रिटायर कर्नल मोहम्मद अहमद अंसारी ने विचार रखते हुए कहा कि मैं तो एक फौजी अफसर रह चुका हूं. देश हमारे लिए प्राथमिकता है. पूरे देश में एक समान कानून हो, ये एक फौजी के जहन में रहता है. इसके चलते हम किसी को स्पेशल ट्रीट करें. क्यों करें, इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. मगर इस निर्णय का स्वागत करता हूं.

प्रतिक्रिया देते बिहार के प्रतिष्ठित लोग

'जम्मू के विकास के लिए जरूरी था'
पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर पवन अग्रवाल ने धारा 370 और 35-A पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पीएम मोदी ने एक पुरानी मांग पूरी की है. 370 के कारण जम्मू कश्मीर का विकास रुका हुआ था. इसके लिए पीएम मोदी को बधाई देता हूं. ये समस्या भारत के लिए नासूर बन गई थी. पीएम मोदी से मांग है कि लीगल एलओसी को भी भारत से मिलना चाहिए.

आतंकवादी तत्वों से निपटा जाएगा- प्रोफेसर
वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय ने कहा कि जम्मू का भारत का अभिन्न हिस्सा है. सभी को समानता का अधिकार है. वहां के लोग सुलझे हुए हैं. आतंकवादी तत्वों से निपटा जाएगा.

एक देश-एक कानून- आइएमए सचिव
आइएमए सचिव सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि ये कदम देश में एक कानून की ओर लेकर जाने वाला कदम है. इससे राष्ट्रीयता की भावना पनपेगी. अक्सर जम्मू के स्कूल बंद कर दिए जाते थे. अब ऐसा नहीं होगा.

सदन में पास हुआ जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019

विधेयक के अनुसार...

  • पारित विधेयक में प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. राज्यसभा में 61 मत इसके विपक्ष में पड़े वहीं 125 मत इसके पक्ष में पड़े हैं. लोकसभा में ध्वनिमत से प्रस्ताव का स्वीकार किया.
  • राज्यसभा में ही जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 को पास कराया गया. राज्य में उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव इसमें शामिल है.
  • इस पहले सदन की कार्यवाही के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्त आ गया है कि अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया जाए, क्योंकि यही सभी परेशानियों की जड़ है.
    जम्मू में तैनात सिपाही

क्या बोले गृहमंत्री
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, 'भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 इस सदन का विचार जानने को भेजा है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति की 19 दिसंबर 2018 की अधिघोषणा के अनुसार, इस सदन के पास जम्मू-कश्मीर राज्य की विधायी शक्ति प्राप्त है.'

सभी सवालों का मिलेगा जवाब
गृहमंत्री ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि वह विधेयक पर उनके सवालों का जवाब देंगे और मंगलवार को सदन में विधेयक पेश होने पर बहस में हिस्सा लेंगे. विपक्ष ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और शाह से जवाब मांगा. लोकसभा में शोर-शराबे के बीच विधेयक पर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया.

अब 9 केंद्र शासित प्रदेश होंगे

परेशानियों की जड़- अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के रहते लोकतंत्र कभी फल-फूल नहीं सकता. उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य में लगभग 41 हजार लोग मारे गए हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्त आ गया है कि अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया जाए, क्योंकि यही सभी परेशानियों की जड़ है.

कश्मीर में लगा दिया गया कर्फ्यू

  • कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है और संचार सेवाएं पूरी तरह बंद हैं. संचार सेवाएं बंद होने से कश्मीर के अधिकांश लोग अपने भविष्य के फैसले से अवगत नहीं हो पाए हैं.
  • कश्मीर में पिछले 10 दिनों से तनावपूर्ण स्थिति है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात कर दिया है, जबकि इनकी तैनाती के संबंध में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details