पटनाः कभी नीतीश कुमार के खासम-खास रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर तंज कसतेहुए लंबा चौड़ा ट्वीट कर प्रतिक्रिया (RCP Singh reaction on Nitish Kumar Delhi visit) दी है. अपने ट्वीट में आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को PM बताया है. उन्होंने लिखा है कि नीतीश कुमार पीएम थे, पीएम हैं और पीएम रहेंगे. इसके बाद उन्होंने आगे पीएम का मतलब भी समझाया.
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पीएम मतलब पलटीमारः आरसीपी सिंह ने कहा नीतीश बाबू आप चाहते हैं कि आप PM बनें, तो आप पीएम थे, हैं और रहेंगे. आगे अपने ट्वीट में आरसीपी सिंह ने पीएम का मतलब ऐसे समझाया - पी = पलटी और एम = मार, यानी पलटीमार. आगे उन्होंने लिखा कि मैं सही कह रहा हूं. पीएम का मतलब समझिए. पीएम यानी की पलटी मार. मतलब नीतीश कुमार पीएम रहेंगे. उनके भविष्य की उज्जवल कामना है. इसके बाद अंत में उन्होंने पलटीमारवाद जिंदाबाद, कुर्सीवाद जिंदाबाद और वंशवाद जिंदाबाद लिखकर ट्वीट खत्म कर दिया.
लंबा चौड़ा ट्वीट लिखकर आरसीपी ने कसा तंज: आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर लंबी चौड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर काफी कुछ कहा है. आरसीपी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि आपका दिल्ली दौरा व्यस्त रहा. कई नेताओं और उनके परिवार के साथ आपकी मुलाकात हुई और स्वाभिक तौर पर विपक्षी एकता की बात भी हुई ही होगी, लेकिन इसका नेतृत्व कौन करेगा. इसप आप और अन्य नेता भी असहज दिखे.
आरजेडी पर भी दिखा निशानाःआगे अपने आरसीपी सिंह ने ट्वीट में राजद पर भी निशाना साधा और कहा कि आरजेडी कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि आप जितनी जल्दी हो सके बिहार से बाहर चले जाएं. चाहे पीएम के उम्मीदवार बनकर या फिर विपक्षी मंच के संयोजक बनकर, ताकि मुख्यमंत्री की कुर्सी उपमुख्यमंत्री को दी जा सके. वैसे आप इस पर क्या करेंगे आप खुद जानते ही होंगे.
कांग्रेस के परिवारवाद पर इशाराःइसके बाद आरसीपी सिंह ने कांग्रेस की ओर भी इशारा किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी 138 साल पुरानी है. इसमें एक ही परिवार के तीन-तीन प्रधानमंत्री रहे. इस परिवार के पांचवी पीढ़ी के छठे नेता कांग्रेस के सर्वेसर्वा हैं. इस पार्टी की कई प्रदेशों में सरकार भी है. ऐसे में यह पार्टी किन परिस्थितियों में नीतीश बाबू कांग्रेस विपक्षी एकता की कमान आपके हाथ सौंपेगी.
विपक्षी एकता में नीतीश पर संशय की बात कहीः नीतीश बाबू आप माने न माने आपको दूसरी पार्टी के नेता संशय भरी दृष्टि से देखते हैं. आपकी साख खत्म हो चुकी है. ऐसे में कोई दल कैसे आप पर विश्वास कर देश की बागडोर आपको देगी. नीतीश बाबू राजनीति में काफी अनुभवी है. 1977 से 1999 तक 22 वर्षों में 12 प्रधानमंत्री हुए. ऐसे में 2024 का चुनाव दिलचस्प होगा. विपक्षी दलों से करीब 20 उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखेंगे. तब 5 वर्ष में 20 प्रधानमंत्री बनने पर हर एक का कार्यकाल तीन महीने का होगा. ऐसे में देश का क्या होगा. आप नीतीश बाबू समझिए.