पटना:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जहां बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है. वहीं, बिहार में सहयोगी जदयू का बीजेपी से अभी तक तालमेल नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश चुनाव के कारण जदयू के अंदर ही घमासान (Controversy in jdu over UP election 2022 ) मचा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह(Lalan Singh) यूपी चुनाव के बहाने आरसीपी सिंह (RCP Singh) को पार्टी के बैड बुक में लाने की कोशिश कर रहे हैं. 51 सीटों पर उम्मीदवार तय करने की बात भी कर दी है. लेकिन, उत्तर प्रदेश चुनाव में बिना बीजेपी के ललन सिंह जदयू का खाता खोल लेंगे, ये आसान नहीं है.
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यूपी चुनाव अब जदयू के दो नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. 2017 में भी पार्टी ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन चुनाव नहीं लड़ी थी और इसका ठीकरा शरद यादव के माथे पर फोड़ा गया था. पार्टी 2017 में चुनाव नहीं लड़ने को बड़ी भूल बताती रही है. 2017 की स्थिति इस बार भी बनती दिख रही है और इसलिए ललन सिंह अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं कि, पार्टी किसी तरह चुनाव लड़ ले. जबकि आरसीपी सिंह चाहते हैं कि, चुनाव बीजेपी से तालमेल में ही लड़ा जाए.
जदयू के अंदर खींचतान जारी है. ललन सिंह (Lalan Singh have different policy regarding UP election) यूपी चुनाव के बहाने आरसीपी सिंह को फंसाना भी चाहते हैं. लेकिन ललन सिंह के लिए भी उत्तर प्रदेश में बिना बीजेपी के सहयोग के चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि, उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जदयू दो खेमे में दिख रही है.
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ललन खेमे की ओर से उसी समय मास्टर स्ट्रोक खेला गया जब आरसीपी सिंह को यूपी चुनाव में बीजेपी से तालमेल की जिम्मेवारी दी गई. आरसीपी सिंह के लिए यह अग्निपरीक्षा के समान है. तालमेल नहीं हुआ तो निश्चित रूप से ठीकरा आरसीपी सिंह के ऊपर फोड़ा जाएगा. लेकिन जिस प्रकार से ललन सिंह भी बयान दे रहे हैं, उससे भी साफ दिख रहा है कि पार्टी दो खेमे में है और यह जदयू के लिए अच्छी बात नहीं है."-रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
उधर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर पार्टी के शीर्ष नेता ही फैसला लेंगे. लेकिन कुछ लोग ज्यादा उतावले हैं. आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच जिस प्रकार से यूपी चुनाव को लेकर मामला उलझता जा रहा है उसपर जदयू के कोई भी नेता कुछ भी बोलने से अब बचने लगे हैं.