पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद पटनाः तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे का सनातन धर्म को लेकर विवाद (Sanatan Dharma Controversy) अभी थमा नहीं था कि बिहार में टीका लगाने को लेकर विवाद पैदा हो गया. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान के बाद से सियासत शुरू हो गई है. भाजपा के नेता लगातार राजद पर निशाना साध रहे हैं. पटना साहिब सांसद सह पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जगदानंद को पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जगदानंद बाबू को अभी और पढ़ने की जरूरत है.
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राजद नेताओं का विवादित बयानः बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब राजद के वरीष्ठ नेता हिन्दू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है. इससे पहले भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने टीका लगाने को लेकर विवादित बयान दिया है. इसको लेकर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है.
"जगदा बाबू ने दावा किया है कि टीका लगाने वालों ने देश को आजाद नहीं होने दिया. जगदा बाबू तो दावा करते हैं कि वे समाजवादी चिंतक हैं. पिछले हफ्ते मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर में लालू यादव और तेतस्वी यादव झूककर प्रणाम कर टीका लगवाया था. जगदा बाबू हिन्दुस्तान का इतिहास जानते हैं क्या? मदन मोहन मालवीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे, वे भी टीका लगाते थे. बालगंगाधर तिलक, जिन्होंने गणेश चतुर्थी के माध्यम से पूरे देश में जागरण किया. स्वंय गांधी जी रघुपति राघव राजा राम करते थे. जगदा बाबू न कुछ जानते हैं और न ही कुछ पढ़ते हैं. उन्हें राम मनोहर लोहिया को पढ़ना चाहिए."-रविशंकर प्रसाद, सांसद, पटना साहिब
'राम मनोहर लोहिया को पढ़ने की जरूरत':जगदानंद सिंह के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीखा हमला बोला. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जगदानंद सिंह समाजवादी नेता हैं, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं है. जगदा बाबू को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को पढ़ने की जरूरत है. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जगदा बाबू को यह भी जवाब देना चाहिए कि उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर क्यों गए थे?
'आजादी के नायक लगाते थे टीका': पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता पंडित मदन मोहन मालवीय आजादी के नायक थे. क्या वे मस्तक पर टीका लगाकर नहीं थे? बाल गंगाधर तिलक की भूमिका भी स्वतंत्रता आंदोलन में थी. क्या उनके मस्तक पर टीका नहीं हुआ करता था? गांधी जी रघुपति राघव राजा राम कहते थे. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जगता बाबू को अभी और पढ़ने की जरूरत है.