पटना: राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के क्रम में अस्पताल प्रबंधन ने मनमाने ढंग से फीस लिए जाने के आरोप लग रहे हैं. आए दिन राजधानी पटना में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां निजी अस्पतालों ने कोरोना पेशेंट के इलाज का बिल लाखों में लिया जा रहा है.
मंगलवार को पटना के जिलाधिकारी ने कंकड़बाग के एक अस्पताल पर मनमाना राशि चार्ज करने के लिए कार्रवाई की. जिलाधिकारी ने पटना के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना पेशेंट के इलाज का रेट निर्धारित करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से एक कमेटी बनाई और इस कमेटी को बने तीन हफ्ता लगभग होने जा रहा है. ऐसे में यह कमेटी कहां तक पहुंची है इसके बारे में जिला सिविल सर्जन डॉ राजकिशोर चौधरी ने जानकारी दी.
इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में होंगे रेट फिक्स
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ राजकिशोर चौधरी ने बताया कि सभी प्राइवेट अस्पतालों से बात चल रही है. बातचीत की प्रक्रिया आखिरी चरणों में है. वहीं कमेटी अपना काम कर रही है और आने वाले 1 से 2 दिनों में पटना जिला में भी कोरोना पेशेंट के इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में भी रेट फिक्स हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्णिया और बेगूसराय जिले में यह पहले हो चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही पटना जिला राज्य का तीसरा ऐसा जिला बनेगा जहां प्राइवेट अस्पतालों में रेट फिक्स होंगे.
कोरोना इलाज के लिए अस्पतालों को मिली अनुमति
सिविल सर्जन डॉ राजकिशोर चौधरी ने बताया कि पटना में 25 ऐसे हॉस्पिटल है जिन्हें कोरोना पेशेंट के इलाज के लिए अनुमति मिली हुई है. उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों को ऐसे मरीजों का कोरोना जांच करने की अनुमति दी गई है जो अस्पताल में एडमिट होने जा रहे हैं. अगर किसी को फिटनेस के लिए करोना जांच कराना है तो ऐसे लोगों के लिए इन अस्पतालों में कोरोना जांच की अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे लोग जो प्राइवेट पैथोलॉजी है वहां जाकर जांच करा सकते हैं.