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दिल्ली में व्हाइट फंगस की वजह से खाने की नली में हुआ छेद, दुनिया भर में ऐसा पहला केस

सर गंगाराम अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस का एक दुर्लभ मामला आया है, जिसमें मानव शरीर की फूड पाइप छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद हो जाने का मामला सामने आया है. फंगस के चलते छोटी आंत, बड़ी आंत में छेद पाया गया है.

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Published : May 27, 2021, 5:22 PM IST

नई दिल्ली/पटना:दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस का एक दुर्लभ मामला सामने आया है. इसमें मानव शरीर की फूड पाइप छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद हो गया है. फंगस के चलते छोटी आंत, बड़ी आंत में छेद पाया गया है. अस्पताल ने दावा किया है कि यह मामला विश्व का पहला ऐसा मामला है, जिसमें किव्हाइट फंगस ने इस प्रकार से मरीज की फूड पाइप छोटी आंत और बड़ी आंत को प्रभावित किया है.

अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 13 मई को 49 वर्षीय एक महिला इमरजेंसी में लाई गई. उसके पेट में असहनीय दर्द और उल्टी, कब्ज की शिकायत थी. कुछ समय पहले महिला की कैंसर की वजह से एक वक्ष हटाया गया था और 4 हफ्ते पहले उसकी कीमोथेरेपी खत्म हुई थी. इस स्थिति को देखते हुए जब डॉक्टरों ने सिटी स्कैन किया, तो महिला के पेट में हवा और एक तरल द्रव्य की तरह कुछ आभास हुआ, जो कि छोटी आंत में छेद की निशानी दे रहा था.

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अस्पताल में इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंस्ट्रोलॉजी एंड पैन्क्रियाटाइटिकोबिलरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि मरीज की हालत बहुत नाजुक थी. उसके पेट में असहनीय दर्द था. महिला जब अस्पताल में लाई गई, तो वह शॉक में थी. उसे सांस लेने में काफी कठिनाई हो रही थी. हमने तुरंत उसके पेट में पाइप डालकर उसकी 1 लीटर पस और बॉईल द्रव्य निकाला, जिसके बाद डॉक्टर समीरन नंदी की अध्यक्षता में बनी टीम के जरिए ऑपरेशन थिएटर लाया गया.

म्यूकोरमाइकोसिस

डॉक्टर समीरन नंदी ने बताया महिला के पेट में पाइप डालकर सर्जरी को करना काफी चुनौतीपूर्ण था. इसके लिए 4 घंटे का समय लगा और फूड पाइप, छोटी आंत और बड़ी आंत में हुए छेदों को ऑपरेशन के जरिए बंद कर दिया गया और जो द्रव्य लीक हो रहा था, उसे भी रोक दिया गया. छोटी आंत में हुए गैंगरीन को भी काट कर निकाल दिया गया. इसके साथ ही आंत के टुकड़े को बायोस्की के लिए भी भेज दिया गया है, जिससे कि व्हाइट फंगस के यहां तक पहुंचने के कारण का पता लगाया जा सके.

म्यूकोरमाइकोसिस

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इसके साथ ही डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बाद ब्लैक फंगस के जरिए आंत में छेद होने के कुछ मामले हाल ही में आए, परंतु व्हाइट फंगस द्वारा कोविड-19 के बाद खाने की नली, छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद करने का यह विश्व का पहला मामला है. इस तरीके का मामला अभी तक किसी भी मेडिकल लिटरेचर में प्रकाशित नहीं हुआ है. इस मामले का कारण शायद मरीज की तीन अवस्थाएं थीं, जिसके चलते उसके शरीर में बीमारी से लड़ने की क्षमता बहुत कम रह गई थीं.

पीड़ित महिला कैंसर और हाल ही में कीमोथेरेपी, कोविड के इंफेक्शन से पीड़ित थी. इसकी वजह से व्हाइट फंगस, जो कि सामान्यतया इतनी हानि नहीं पहुंचाता, उस महिला के शरीर में इतना घातक असर करने में सफल रहा. फिलहाल महिला इस वक्त अस्पताल में भर्ती है और कुछ दिनों बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

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