पटना:पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने ट्वीट कर लिखा- 'नीतीश जी! पप्पू जी कोरोना निगेटिव हैं, अगर वह पॉजिटिव हुए तो आपको, इस साजिश में शामिल चार लोगों और एम्बुलेंस चोरों को CM आवास से निकाल बीच चौराहे पर नहीं खड़ा किया तो मेरा नाम रंजीत रंजन नहीं. कल पूरे दिन-रात जो आपके प्रशासन ने पटना से मधेपुराफिर वहां से वीरपुर तक पप्पू यादव जी के साथ जो ड्रामा किया है, वह देख रहे हैं. उन्हें मेडिकल फेसिलिटी अभी तक नहीं मिली है.'
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इससे पहले पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने आरोप लगाया, 'ये लोग गिरफ्तारी के नाम पर षड्यंत्र कर रहे हैं. उनकी जान को भी खतरा है. अगर गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ कुछ भी ऊंच-नीच होता है जिसकी मुझे आशंका है, इसकी पूरी जिम्मेदारी राजग सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेनी पड़ेगी.'
रंजीत रंजन, पप्पू यादव की पत्नी साजिश के तहत किया गया गिरफ्तार
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस महामारी के शुरू होने के बाद से एक राजनेता होने के नाते पप्पू यादव अपने घर-परिवार को छोड़कर लगातार लोगों की मदद में लगे हुए थे पर साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
क्या है मामला?
दरअसल, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव हाल ही में सारण के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के परिसर में कोरोना महामारी के बावजूद बिना इस्तेमाल हुए छुपाकर रखे गए बड़ी संख्या में एंबुलेंस के मामले को उजागर किया था. इसके बाद सांसद राजीव प्रताप रूडी ने सफाई दी थी कि कोविड-19 के कारण चालक विहीन इन सभी वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है.
32 साल पुराने मामले में कार्रवाई
बताया जा रहा है कि एंबुलेंस विवाद में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ बोलना पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिए भारी पड़ गया. पुलिस उन्हें 32 साल पुराने एक मामले में पूछताछ के लिए ले गई और उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि पप्पू यादव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के सामने पेश किया गया था. इस दौरान जज के सामने भावुक होते हुए पप्पू यादव ने हाथ जोड़कर अपील की और कहा, सर मेरा सीरियस ऑपरेशन हुआ है, मुझे जेल नहीं अस्पताल भेज दीजिए.