पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अडाणी समूह को सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सभी विदुओं पर क्लीनचिट मिल गई है. इस मामले पर संसद ठप करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अनर्गल आरोप लगाने वाले राहुल गांधी और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. मोदी ने कहा कि ''भारत में आर्थिक हड़कम्प मचाने की नीयत से जारी हिडेनबर्ग की रिपोर्ट पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाले पूरे विपक्ष का पानी उतर गया है.''
Adani Hindenburg Case: 'अडाणी मुद्दे पर क्लीनचिट के बाद ललन सिंह माफी मांगें' - सुशील मोदी - Supreme Court Expert Committee Report
अडाणी समूह को सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है. इस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की समिति ने पाया कि 'कैश मामले में अडाणी के शेयर्स के संबंध में कोई प्रतिकूल बात नहीं पाई गई' इसी मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने विपक्ष को घेरा है.
'अडाणी शेयर मामले में कोई गड़बड़ी नहीं': बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शेयर बाजार पर नजर रखने वाली संस्था सेबी की भूमिका में भी कोई गड़बड़ी नहीं पायी. सुशील मोदी ने कहा कि सदन में जो लोग 20 से 80 हजार करोड़ तक के शेयर घोटाले का आरोप लगा रहे थे, उनकी बोलती बंद हो गई, लेकिन थेथरोलॉजी पर कोई रोक नहीं लग सकती. इससे पहले राफेल विमान सौदे में घोटाले के मनगढ़ंत आरोप लगाने और "चौकीदार चोर" कहने के कारण राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर माफी मांगनी पड़ी थी.
''एक तरफ जदयू अध्यक्ष ललन सिंह अडाणी से द्वेष-वश अनर्गल आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ उनके मुख्यमंत्री अडाणी को बिहार के वारसलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 70 एकड़ जमीन देते हैं. यह दोहरापन कैसी राजनीति है? नीतीश कुमार और महागठबंधन में शामिल दल यदि अडाणी समूह पर लगाये गये आरोपों को सही मानते हैं, तो बिहार में उन्हें दी गई जमीन का आवंटन रद करायें.''- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था: SC समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि ''कैश मामले में अडाणी के शेयरों के संबंध में कोई प्रतिकूल बात नहीं पाई गई, लेकिन छह इकाइयों की ओर से संदिग्ध सौदे हुए. इनमें से 4 Foreign portfolio investment (FPI), एक कॉरपोरेट इकाई और एक व्यक्ति शामिल हैं. हालांकि रिपोर्ट में छह में से किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है. समिति ने कहा है कि फिलहाल वह इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि वह जांच की शुरुआती चरण में हैं और वह साक्ष्य की गुणवत्ता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. समिति ने कहा कि इन मामलों की विस्तृत जांच की जा रही है.''