पटना: बिहार के नालंदा में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन प्रमंडल के अंतर्गत राजगीर के नेचर सफारी को पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए विशेष पहल की है. विभाग के अनुसार नेचर सफारी को प्लास्टिक फ्री जोन बना दिया गया है. अब अगर कोई पर्यटक नेचर सफारी घूमने जा रहा है और उसके साथ कोई प्लास्टिक की बोतल है तो उसे विशेष रूप से बनाए गए टोकन को लेना होगा, जो संग्रह बिंदुओं पर खाली बोतल जमा करने पर वापस कर दिया जाएगा. अगर किसी भी कारणवश खाली बोतल कहीं भी फेंक दिया जाता है या पर्यटक वापस नहीं करेंगे तो वह टोकन राशि वापस नहीं की जाएगी.
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क्या है टोकन की राशि?:टोकन राशि के डिपॉजिट के लिए दो पॉइंट बनाए गए हैं. जिनमें से एक नेचर सफारी के बस बोर्डिंग प्वाइंट पर जबकि दूसरा नेचर सफारी एक गेट पर है. टोकन राशि के रूप में 50 रुपए प्रति प्लास्टिक की बोतल का भुगतान करना होगा, साथ ही साथ एक स्टीकर भी उस पर लगा रहेगा. अगर कोई पर्यटक वापस जाते वक्त खाली बोतल को स्टिकर के साथ जमा कर देगा तो उसे टोकन राशि के रूप में जमा किए गए 50 रुपए रिफंड कर दिए जाएंगे. विभाग के अनुसार पर्यावरण संरक्षण को लेकर के यह पहल बिहार में पहली बार हुई है, इसके साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है.
यहां हैं पांच तरह के वन्य प्राणी:बता दें कि राजगीर का जू सफारी देश का पहला ऐसा सफारी है, जहां पांच तरह के वन्य प्राणी दिखते हैं. वन्यजीवों के लिए इस तरह का जू सफारी इस देश में शायद ही कहीं होगा. राजगीर का नेचर सफारी स्वर्ण गिरी और वैभव गिरी पहाड़ियों की तलहटी में है. हर साल इस नेचर सफारी का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी आते हैं. इस सफारी में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरण की अलग-अलग सफारी बनी हुई है जो 191 हेक्टेयर में फैला है.