पटना:वैश्विक महामारी कोरोना काल में रेलवे पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण रेलवे ने रेल कर्मियों के रात्रि भत्ता में कटौती का निर्णय लिया. वहीं, इसके बाद अब रेल कर्मियों की यात्रा और ओवरटाइम भत्ते में भी 50 फीसद कटौती पर विचार कर रहा है. रेलवे ने इसको लेकर विभागावार समीक्षा भी शुरू कर दी है. ऐसे में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री का कहना है कि यूनियन रेल कर्मियों के ओवरटाइम भत्ते में कटौती के निर्णय के खिलाफ है.
कर्मियों पर लगाए जा रहे हैं झूठे आरोप
'कोरोना के कारण रेलवे को कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और इसी को देखते हुए रेलवे कई प्रकार से खर्च को कम करने की कोशिश कर रहा है. जिसकी वह सराहना करते हैं मगर वह कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ते में कटौती के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे यूनियन हमेशा से इस बात का प्रखर विरोधी रहा है कि कोई भी कर्मी गलत तरीके से रेल भत्ता ना ले. इसके साथ ही रेलवे पर जो आरोप लगते हैं कि ओवरटाइम कराने के लिए जानबूझकर ट्रेनों को लेट किया जाता है. ताकि रेल कर्मियों का भत्ता बढ़े यह सरासर भ्रामक और झूठी बातें हैं.'- एसएनपी श्रीवास्तव, महामंत्री, ईसीआरकेयू
ओवरटाइम भत्ता में कटौती पर यूनियन का विरोध
'ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि यूनियन हमेशा से इस बात पर अडिग रहा है कि जो कर्मी रात्रि में काम करते हैं. उन्हें उसका वाजिब भत्ता मिले इसके अलावा ओवरटाइम का भी उन्हें वाजिब भत्ता मिले. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया रेलवे में दो लाख से अधिक रिक्तियां हैं ऐसे में रेलवे के सुचारू परिचालन और यात्रियों के सुरक्षा के मद्देनजर रेल कर्मियों को ओवरटाइम करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में अगर रेल कर्मियों के ओवरटाइम भत्ता में कटौती होती है तो रेल यूनियन इसका कड़ा विरोध करती है.'- एसएनपी श्रीवास्तव, महामंत्री, ईसीआरकेयू
बता दें कि इस वैश्विक महामारी ने अर्थव्यवस्था का पूरी तरह से कमर तोड़ रखी है. इससे उभरने के लिए सरकार तरह-तरह के योजनाएं बना रही है. बात करें रेवले की तो कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और इसी को देखते हुए रेलवे कई प्रकार से खर्च को कम करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में रेल मंत्रालय 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती करने की योजना बना रहा है. वहीं, रेल मंत्रालय की मनमानी के विरोध में रेल कर्मचारी अब मुखर होने लगे हैं. ऐसे में कई जगहों पर नाइट अलाउंस रेल कर्मियों ने कैंडल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया.