पटनाःबिहार के पटना में दानापुर अनुमंडल में भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय में डीएम के निर्देश पर एसडीओ प्रदीप कुमार ने रेड डाली. जहां से जमीन दाखिल खारिज में एक लाख रिश्वत लेने के आरोप में कम्प्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया गया. साथ ही डीसीएलआर आईडी महादेवन के ऑपरेटर सुजीत कुमार के अलमीरा से एक लाख रुपये बरामद किए गए. अलमीरा से उक्त जमीन का कागजात भी बरामद किया गया है.
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रिश्वत लेने के आरोप में कम्प्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तारः इस सिलसिले में जिलाधिकारी ने बताया कि ऑपरेटर द्वारा पूछताछ में स्वीकार किया गया है कि डीसीएलआर की सहमती से पैसा लिया गया था. उन्होंने बताया कि ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया गया है और डीसीएलआर के खिलाफ आगे विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है. दरअसल पटना डीएम को भूमि सुधार उप समाहर्ता दानापुर के बारे में काफी दिनों से शिकायत प्राप्त हो रही थी. लोगों द्वारा मौखिक आवेदन देकर और डीएम के जनता के दरबार में भी शिकायत की गयी थी कि म्युटेशन अपील के लिए भूमि विवाद के डीसीएलआर कोर्ट में जो मामले आ रहे हैं, उसमें पैसे की मांग की जाती है.
1,75,000 हजार रुपये की थी मांग ः इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को संपूर्ण मामले पर नजर रखने तथा मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया था, उसी के आलोक में आज जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर के कार्यालय में रेड मारी गई. अपीलकर्ता द्वारा बताया गया था कि लगभग तीन महीना से उनके न्यायालय में यह मामला लंबित है. भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा आदेश पारित नहीं किया जा रहा है. इसके लिए 1,75,000/- रुपये की मांग की जा रही है. अपीलकर्ता द्वारा बहुत विनती करने के बाद एक लाख रुपये पर बात बनी. अपीलकर्ता द्वारा कल गुरुवार को एक लाख रुपये की राशि लायी गयी थी, जिसकी सूचना जिलाधिकारी को प्राप्त हुई थी.
'डीसीएलआर के विरूद्ध होगी कार्रवाई':परिवादियों द्वारा लिखित बयान दिया गया है कि बोरिंग रोड स्थित कैफ़े हाईड आउट में अपीलकर्ताओं को बुलाकर वहीं पर लेन-देन की डील की जाती थी और मनोनुकूल आदेश पारित करवाने के लिए पैसा लिया जाता था. जिलाधिकारी द्वारा सुजीत कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. उनके आदेश पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि डीसीएलआर के विरूद्ध भी अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार के विरुद्धजीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का अनुसरण किया जाता है.
"दानापुर के डीसीएलआर के खिलाफ काफी समय से जमीन के दाखिल खारिज के मामले में रिश्वत लेने की शिकायत मिल रही थी. नौबतपुर की एक जमीन के दाखिल खारिज की सुनवाई मामले में एक लाख रुपये की मांग की गयी थी. पीड़ित द्वारा इसकी सूचना देने के बाद जांच का निर्देश दिया गया था. उसी के आलोक में दानापुर के अनुमंडलाधिकारी प्रदीप कुमार द्वारा डीसीएलआर के कार्यालय में छापेमारी की गई थी"- डॉ चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना