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रघुवंश के नीतीश से सवाल: कितनी बार देखेंगे तबाही, कब मिलेगी बाढ़ से निजात? - modi government

आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि हर साल बाढ़ में लोगों और पशुओं की मौत होती है. बाढ़ में सबकुछ तबाह हो जाता है, बीमारियां फैलती है. इस बार बाढ़ में सरकार क्या कर रही है. बाढ़ नियंत्रण के दावे का क्या हुआ.

नीतीश रघुवंश प्रसाद

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Published : Jul 18, 2019, 4:38 PM IST

पटना: राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीएम नीतीश कुमार पर बाढ़ को लेकर जमकर हमला बोला है. सीएम के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वे पर भी कई सवाल दागे हैं. बिहार में बाढ़ और स्वास्थ्य विभाग के बिगड़े हालात पर सीएम के दावों पर तंज कसा है.

'हवाई सर्वे से जनता को क्या फायदा'
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में पहली बार बाढ़ नहीं आई है. नीतीश लू के समय में भी हवाई सर्वे करने जा रहे थे. बाद में स्थगित करना पड़ा. इनके देखने से जनता को क्या फायदा होने जा रहा है.

बाढ़ का हवाई सर्वे करते सीएम नीतीश कुमार

बिहार को कब मिलेगी बाढ़ से निजात- रघुवंश
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि हर साल बाढ़ में लोगों और पशुओं की मौत होती है. बाढ़ में सबकुछ तबाह हो जाता है, बीमारियां फैलती है. इस बार बाढ़ में सरकार क्या कर रही है. बाढ़ नियंत्रण के दावे का क्या हुआ. अब तो डबल इंजन की सरकार है. फिर भी राज्य को बाढ़ की समस्या से निजात क्यूं नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम साहब बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन होता क्या है, कुछ नहीं. बाढ़ खत्म तो मामला भी समाप्त, अब अगले साल देखा जायेगा.

बाढ़ में सीएम के हवाई सर्वे पर रघुवंश प्रसाद हमलावर

'अगले साल भी करेंगे हवाई सर्वे'
सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि हर साल की तरह अगले साल भी हवाई सर्वेक्षण ही करेंगे. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के हालात पर भी नीतीश सरकार की जमकर आलोचना की. मुजफ्फरपुर में चमकी से सैंकड़ो बच्चों की मौत हो गयी. हालांकि गैर सरकारी आंकड़ें इससे कहीं ज्यादा होंगे. ग्रामीण इलाकों में कई बच्चों की इससे मौत हो गयी. कई बच्चे अस्पताल तक पहुंच ही नहीं सके.

नर्क है एसकेएमसीएच- आरजेडी
मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज के वर्तमान हालात पर डबल इंजन की सरकार पर रघुवंश प्रसाद काफी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर का अस्पताल नर्क है. यहां लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन अस्पताल खुद ही बीमार है. यहां स्वच्छता अभियान गायब है. यहां से डॉक्टर मरीजों को एम्स, लखनऊ, चंडीगढ़ भेजते हैं. मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है. सरकार को बताना चाहिए कि यह दुःख कब दूर होगा. मुजफ्फरपुर अस्पताल को अब तक एम्स का दर्जा क्यूं नहीं मिला. इस अस्पताल को सरकार एम्स का दर्जा कब देगी. कब तक लोग बीच रास्ते में दम तोड़ते रहेंगे.

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