पटना: पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) गुरुवार को आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से मिलने दिल्ली चली गईं हैं. माना जा रहा है कि जिस मकसद से वो रविवार को अचानक पटना आईं थीं, उसमें कामयाब रहीं हैं. नाराज चल रहे बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को उन्होंने मना लिया है. मां की बातों का असर था कि तेजप्रताप ने अपने बयानों से पहले ही जता दिया था कि वह छोटे भाई तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से नाराज नहीं हैं.
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दरअसल तेजप्रताप यादव के बगावती तेवर को देखते हुए मां राबड़ी देवी 10 अक्टूबर को सीधे दिल्ली से पटना पहुंची थीं और एयरपोर्ट से सीधे तेज प्रताप के सरकारी आवास पर पहुंच गईं थीं. हालांकि तेजप्रताप आवास पर नहीं थे, ऐसे में उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी. वहीं तेजप्रताप ने 11 अक्टूबर को अपनी मां राबड़ी देवी से उनके सरकारी आवास पर पहुंचकर भेंट की थी. उस वक्त तेजस्वी वहां मौजूद नहीं थे. बताया जाता है कि तेजस्वी यादव के सिवान जाने की खबर मिलने के बाद ही तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी से मिलने आवास पर पहुंचे थे.
मां-बेटे के बीच इस दौरान काफी देरतक बातचीत हुई. सूत्र बताते हैं कि राबड़ी ने तेजप्रताप से नाराजगी की वजह पूछी और उन्हें हर तरीके से समझाया. उन्हें लालू का संदेश दिया. पार्टी की रणनीति और सियासी नफा-नुकसान से लेकर तमाम गिले-शिकवे पर खुलकर बात कीं. मां के समझाने और पिता की बातों का असर हुआ और तेजप्रताप का गुस्सा कम हुआ. जिसके बाद ये तय हुआ कि वे न तो पार्टी के विरोध में कोई बयान देंगे और न ही ऐसी कोई कदम उठाएंगे, जिससे पार्टी और परिवार के लिए मुश्किलें बढ़े.
राबड़ी देवी की बातों का ही असर है कि तेजप्रताप ने तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan by-elections) में आरजेडी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने दुर्गा पूजा में छोटे भाई तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद भी दिया. तेजप्रताप ने कहा कि उनके और तेजस्वी के बीच कोई भी अनबन नहीं है. फालतू की अफवाह उड़ाई जा रही है. इसके पहले दोनों भाई के बीच की तनातनी की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रहीं थीं.