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बहू ऐश्वर्या के उत्पीड़न में गिरफ्तार हो सकती हैं राबड़ी देवी! - MISA BHARTI

दहेज उत्पीड़न और मारपीट की जिन धाराओं में राबड़ी देवी समेत परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है, उनमें जेल की सजा भी हो सकती है. हालांकि बचाव में राबड़ी देवी की ओर से भी ऐश्वर्या के खिलाफ केस किया गया है

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Published : Dec 17, 2019, 8:07 AM IST

पटना: लालू परिवार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. तेज प्रताप और ऐश्वर्या की लड़ाई ने परिवार की फजीहत कराकर रख दी है. कई तरह के मामलों और मुकदमों में फंसे इस परिवार को बड़ी बहू ने नई मुसीबत में डाल दिया है. इसी बीच अब सूत्रों की मानें तो राबड़ी देवी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है.

दरअसल, दहेज उत्पीड़न और मारपीट की जिन धाराओं में राबड़ी देवी समेत परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है, उनमें जेल की सजा भी हो सकती है. हालांकि बचाव में राबड़ी देवी की ओर से भी ऐश्वर्या के खिलाफ केस किया गया है, जिसमें जानलेवा हमले का आरोप लगाया गया है.

क्या कहते हैं जानकार
वहीं, कानून के जानकारों का कहना है कि जिन धाराओं के तहत ऐश्वर्या राय ने केस दर्ज कराया है, उनमें आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है. लेकिन यह पुलिस पर निर्भर करेगा कि वह इसे कितनी गंभीरता से लेती है. कानून के मुताबिक दहेज के लिए पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा अत्याचार का मामला गैरजमानती है. हालांकि ऐश्वर्या द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में पहले से ही बहुत सारे गतिरोधों का जिक्र है.

जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस दोनों की शिकायतों पर जांच में जुटी हुई है और इस बीच दोनों तरफ से मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिशें भी जारी हैं. ऐश्वर्या ने महिला थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में दहेज प्रताड़ना, मारपीट और धक्के देकर घर से निकालने का आरोप लगाया है. राबड़ी आवास से रविवार शाम बाहर निकली ऐश्वर्या ने सास राबड़ी, पति तेज प्रताप यादव और ननद मीसा भारती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें राबड़ी को मुख्य आरोपी बताया गया है.

किस धारा में कितनी सजा
राबड़ी पर लगी धाराओं की बात करें तो आइपीसी की धारा 498 A में अधिकतम तीन साल की सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है. खास बात यह है कि 498 A अपराध की श्रेणी में आता है और यह गैरजमानतीय है. धारा 323 में एक साल की सजा हो सकती है. धारा 34 का भी उल्लेख है, जिसमें आरोपितों को उतनी ही सजा दी जा सकेगी, जितना 498 A और 323 के अंतर्गत दिया जाएगा.

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