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बिहार में गिरती शिक्षा व्यवस्था के साए में सिमुलतला आवासीय विद्यालय - Patna

बिहार के जमुई जिला स्थित झाझा प्रखंड में नेतरहाट की तर्ज पर सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना साल 2010 की गई थी. सरकार विद्यालय पर हर साल करोड़ों खर्च भी करती है. शुरुआती दौर में सिमुलतला के छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया. साल 2015 में टॉप 31 बच्चों में 30 बच्चे सिमुलतला के ही थे. बिहार में गिरते शिक्षा व्यवस्था का असर सिमुलतला विद्यालय पर भी पड़ने लगा है.

पटना
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Published : May 27, 2020, 10:53 PM IST

पटना: झारखंड बंटवारे के बाद बिहार में नेतरहाट की तर्ज पर सिमुलतला आवासीय विद्यालय की शुरुआत की गई. शुरुआत के कुछ वर्षों तक वहां के छात्रों ने उम्दा प्रदर्शन भी किया. लेकिन धीरे-धीरे छात्रों के प्रदर्शन पर ग्रहण लगता गया और इस बार छात्रों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुकूल नहीं रहा.

शिक्षाविद डीएम दिवाकर
छात्रों ने नहीं किया उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शनबिहार के जमुई जिला स्थित झाझा प्रखंड में नेतरहाट की तर्ज पर सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना साल 2010 की गई थी. सरकार विद्यालय पर हर साल करोड़ों खर्च भी करती है. शुरुआती दौर में सिमुलतला के छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया. साल 2015 में टॉप 31 बच्चों में 30 बच्चे सिमुलतला के ही थे. बिहार में गिरते शिक्षा व्यवस्था का असर सिमुलतला विद्यालय पर भी पड़ने लगा है. इस बार बोर्ड परीक्षा में छात्रों ने अपेक्षित सफलता हासिल नहीं की. इस बार टॉप 10 में 3 ही बच्चे सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सिमुलतला विद्यालय के सभी छात्र प्रथम श्रेणी से हुए पास
इस बार बोर्ड की परीक्षा में सिमुलतला आवासीय विद्यालय से 115 बच्चे शामिल हुए थे. सभी प्रथम श्रेणी से पास हुए. वहीं, स्कूल टॉपर को 474 अंक हासिल हुए. शिक्षाविद डीएम दिवाकर ने राज्य में गिरते शिक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता व्यक्त की है. डीएम दिवाकर ने कहा कि सिमुलतला विद्यालय का परफॉर्मेंस ठीक नहीं होने का मतलब है कि अपर प्राइमरी और प्राइमरी एजुकेशन की स्तर गिर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि नौकरशाहों का हस्तक्षेप बढ़ा है. जिसके चलते ऐसे नतीजे देखने को मिल रहे हैं.

'आएंगे अच्छे परिणाम'
वहीं, मामले में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का मानना है कि इस बार सिमुलतला के छात्रों का परफॉर्मेंस उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ है. लेकिन छात्राओं की संख्या जरूर बढ़ी है. नीतीश सरकार ने छात्राओं के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. जिनके परिणाम धीरे-धीरे परिलक्षित होंगे.

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