दिव्यांग श्रेणी का रिजल्ट जारी करने की मांग पटना:बीपीएससी कार्यालय के बाहर सोमवार को दर्जन भर की संख्या में दिव्यांग अभ्यर्थियों ने शिक्षक बहाली परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी का रिजल्ट जारी करने की मांग की है. इसे लेकर उन्होंने नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों पर हुए हल्के लाठी चार्ज के कारण अधिक संख्या में अभ्यर्थी नहीं जुटे. भागलपुर और पश्चिमी चंपारण जैसे दूर दराज क्षेत्रों से गिने-चुने संख्या में दिव्यांग अभ्यर्थी पहुंचे और आयोग से रिजल्ट जारी करने की मांग की.
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समर्थन में आए छात्र नेता:दिव्यांग छात्रों के समर्थन में आए छात्र नेता सौरभ कुमार ने कहा कि दिव्यांग श्रेणी में 3100 सीटें पूर्व से तय थी. श्रेणी में एक भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. कहा गया है कि जनरल में ही दिव्यांगों का रिजल्ट जारी हो गया है. दिव्यांग का मतलब ही है कि 40% से अधिक जो दिव्यांग है और इन्हीं का रिजल्ट जारी नहीं हुआ है. कट ऑफ जारी कर दिया गया है.
"बताया गया है कि जनरल में ही दिव्यांगों का रिजल्ट जारी हो गया है. जब दिव्यांग श्रेणी में रिजल्ट नहीं तो कट ऑफ कैसे आ गया. मेरी आयोग से मांग है कि दिव्यांग श्रेणी के 3100 सीटों पर रिजल्ट जारी किया जाए."-सौरभ कुमार, छात्र नेता
निकाली जाए सेकंड मेरिट लिस्ट: सौरभ कुमार ने कहा कि इसके अलावा उनकी एक मांग यह भी है कि आयोग ने भी माना है कि 42000 के करीब नियोजित शिक्षक इसमें पास हुए हैं. ऐसे में इन शिक्षकों को इस सीट पर इस विद्यालय में राज्य कर्मी का दर्जा दे दिया जाए और खाली बच रहे 42000 सीट पर सेकंड मेरिट लिस्ट निकाली जाए. दूसरे चरण की बहाली प्रक्रिया शुरू होने से पहले सेकंड मेरिट लिस्ट निकल जाना जरूरी है.
दिव्यांग अभ्यर्थियों का छलका दर्द दिव्यांग अभ्यर्थियों ने लगाई उम्मीद: दिव्यांग अभ्यर्थी सनोज कुमार ने कहा कि 3100 सीटें उनकी श्रेणी में खाली रह गई है और उन लोगों का रिजल्ट नहीं हुआ है. दिव्यांग श्रेणी में जो कट ऑफ है उससे अधिक उनका नंबर है बावजूद इसके उनका रिजल्ट नहीं आया है. वह आयोग के सामने गुहार लगाने पहुंचे हुए हैं कि दिव्यांग श्रेणी में रिजल्ट जारी किया जाए. वह भागलपुर से आए हुए हैं और बड़ी उम्मीद से आए हैं कि उनका रिजल्ट कम से काम जारी कर दिया जाए.
कट ऑफ से ज्यादा आने के बाद भी नहीं हुआ चयन : एक पैर और एक हाथ से दिव्यांग विजय कुमार साह ने बताया कि वह पश्चिमी चंपारण से आए हुए हैं. कट ऑफ से 10 अंक उनका अधिक है. इसके बावजूद उनका चयन नहीं हुआ है. परिवार से काफी गरीब है और पान की दुकान चलाते हैं. पान की दुकान चलाते हुए ही उन्होंने पढ़ाई की थी.
"उम्मीद थी कि मेहनत से पढ़ाई करेंगे तो शिक्षक बनेंगे और बच्चों को शिक्षा देंगे लेकिन कट ऑफ से 10 अंक अधिक आने के बावजूद मेरा रिजल्ट नहीं हुआ है. वैकेंसी के समय सरकार ने बताया था कि 3100 सीटें दिव्यांगों के लिए है और दिव्यांग श्रेणी में एक भी रिजल्ट जारी नहीं हुआ."-विजय कुमार, दिव्यांग अभ्यर्थी