पटना:बिहार माध्यमिक शिक्षक संघके वरिष्ठ प्रतिनिधियों और अन्य शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सैकड़ों शिक्षक आज शनिवार दिन के 10:00 बजे महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. फिर तमाम पंचायत प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवी वर्गों और आम जनमानस के बीच जाकर शिक्षक संघ के सदस्य और नियोजित शिक्षक नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरुद्ध में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे.
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भितिहरवा से नियोजित शिक्षकों का विरोध मार्च: इस दौरान शिक्षक लोगों के बीच जाकर नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के द्वारा किस प्रकार सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को गिराने और गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इनका कहना है कि इस नियमावली से कैसे नियोजित शिक्षकों के मनोबल को तोड़ने का काम किया जा रहा है और उन्हें शर्मिंदा करने की कोशिश की जा रही है, इस बारे में नियोजित शिक्षक लोगों को जागरूक करेंगे. उनसे सरकार के विरुद्ध आंदोलन के लिए समर्थन मांगेंगे और समर्थन के संदर्भ में हस्ताक्षर लेंगे. पश्चिम चंपारण से शुरू हो रहा यह आंदोलन पूरे बिहार में ग्रीष्मावकाश के दौरान चलेगा और नियोजित शिक्षक इस ग्रीष्मावकाश को आंदोलन को मजबूत करने के लिए हस्ताक्षर अभियान के तहत सरकार पर दबाव डालेंगे.
क्या कहना है नियोजित शिक्षकों का?: नियोजित शिक्षक शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ एक साथ बैठकर शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देने का विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों की आपत्ति है कि वह पहले से शिक्षक हैं और उन्हें सिर्फ राज्य कर्मी का दर्जा देना है. इसके लिए सरकार विभागीय स्तर पर कोई क्वालीफाइंग परीक्षा ले सकती है लेकिन परीक्षा में बहुत अच्छे अंक लाना सरासर गलत है. नियोजित शिक्षकों की आपत्तियां भी है कि 4.50 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक प्रदेश में है. इस नियमावली के तहत 1.70 लाख शिक्षकों के पद ही भरे जाएंगे, जिसमें शिक्षक अभ्यर्थी भी फाइट करेंगे.
'पे स्केल भी बीपीएससी के अनुसार हो': नियोजित शिक्षकों को नौकरी बचाने के लिए तीन मौका मिलेगा और इतनी कम वैकेंसी अगर निकाली जाएगी, जिसमें शिक्षक अभ्यर्थी भी रहेंगे तो नियोजित शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे. नियोजित शिक्षकों का यह भी कहना है कि बीपीएससी यदि परीक्षा ले रही है तो शिक्षकों का पे स्केल भी बीपीएससी के अनुसार होना चाहिए. शिक्षकों को सरकार सीधे राज्य कर्मी का दर्जा दे और सम्मानजनक वेतन का प्रावधान करें. परीक्षा लेनी है तो विभागीय स्तर पर कोई प्रमोशन के लिए परीक्षा ले सकती है.
सरकार का क्या कहना है?:वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि नियोजित शिक्षक बेवजह का मुद्दा बना रहे हैं और सरकार अपने कदम को पीछे नहीं करने जा रही. नियोजित शिक्षकों को परीक्षा देने से डरना नहीं चाहिए और परीक्षा उत्तीर्ण होने के बारे में तैयारी करनी चाहिए. बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक चुने जाएंगे तो प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक होंगे और सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलेगी.