पटना: जिले में गरीबों की बुनियादी समस्याओं को देखते हुए ऐपवा, भाकपा माले और आईसा के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला. जिसमें स्वयं सहायता समूह और जीविका समूह की कर्ज माफी और गांव के दलित गरीब मजदूरों की बदहाली और उनकी रोजी-रोटी की मांगों को शामिल किया गया. बता दें कि ये मार्च छज्जू बाग से पटना के रेडियो स्टेशन तक निकाला गया.
प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ता आक्रोश मार्च में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और किसान शामिल हुए. सभी ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी ओर बाढ़ से लोग परेशान हैं. लेकिन सरकार इनके लिए कुछ भी नहीं कर रही.
'माफ किया जाए कर्ज'
उनलोगों ने ये भी कहा कि जो बड़े-बड़े लोग हैं, उनका ही कर्ज माफ किया जा रहा है. गरीब, दलित, किसान, जीविका समूह की महिलाओं की कर्ज सरकार माफ नहीं कर रही. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
ये हैं 11 सूत्री मांगें :
- 31 मार्च 2020 तक के सभी छोटे कर्ज वसूली पर रोक लगाई जाए और स्वयं सहायता समूह को रोजगार उपलब्ध कराया जाए.
- प्रवासी मजदूरों समेत सभी मजदूरों को 10 हजार रुपया कोरोना भत्ता दिया जाये.
- स्वयं सहायता समूह और जीविका समूह सहित अन्य छोटे समूह का लोन माफ किया जाए.
- सभी गरीब मजदूरों के लिए राशन और रोजगार का प्रबंध किया जाए.
- मनरेगा में सभी मजदूरों को 200 दिन काम और 500 रुपये दैनिक मजदूरी की गारंटी की जाए.
- दलित गरीब विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लिया जाए.
- सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को 25 हजार का मुआवजा दिया जाए.
- सभी गरीब परिवारों को राशन कार्ड दिया जाए.
- प्रवासी मजदूरों को राशन रोजगार दिया जाए.
- सभी दलित गरीब छात्रों को कोरोनाकाल लने पढ़ाई के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन दिया जाए.
- मनरेगा को सभी मौसम की योजना बनाई जाए और इसे प्रत्यक्ष कृषि कार्य से जोड़ा जाए.