पटनाःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ज्ञान भवन में एक तरफ पंचायती राज विभाग और साइंस टेक्नोलॉजी विभाग में नव नियुक्ति उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे, वहीं दूसरी तरफ इस साल अगस्त में हटा दिए गए 425 प्रखंड परियोजना सहायक अपना विरोध (Protest In Patna Between CM Nitish Kumar Program) जता रहे थे. प्रखंड परियोजना सहायकों का आरोप है कि जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, उसी समय हम लोगों को हटा दिया गया था.
ये भी पढ़ें-मुजफ्फरपुर में CM नीतीश की गाड़ी पर फेंकी गई स्याही, दिखाए काले झंडे
"पोषण कार्यक्रम के तहत 4 पदों पर बहाली हुई थी. 3 पद अभी भी काम कर रहे हैं. सिर्फ प्रखंड परियोजना सहायक के पद को क्यों विलोपित कर दिया गया. विलोपित ही करना था पद को बनाया ही क्यों गया."-सहाय भूषण, हटाए गए प्रखंड परियोजना सहायक
2019 में हुई थी बहालीः प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 2019 में हम लोगों की बहाली की गई थी. पोषण कार्यक्रम के तहत 4 पदों पर बहाली हुई थी. उसमें से 3 पद अभी भी कार्य कर रहा है, लेकिन सिर्फ प्रखंड परियोजना सहायक का पद विलोपित कर दिया गया. एकीकृत बाल विकास सेवाओं के डायरेक्टर ने मनमाने तरीके से आदेश निकालकर हम लोगों की सेवा को समाप्त कर दिया.
महागठबंधन की सरकार कर रही है बेरोजगारःपरियोजना सहायकों ने कहा है एक तरफ महागठबंधन की सरकार रोजगार देने की बात कर रहे हैं तो वहीं हम लोगों को बेरोजगार कर दिया गया है. हम लोग चाहते हैं फिर से हम लोगों की बहाली हो. इसीलिए हम लोग विरोध करने ज्ञान भवन के पास आए हैं. प्रखंड परियोजना सहायक पहले जदयू कार्यालय में भी प्रदर्शन कर चुके हैं. अगस्त में हटाए जाने के बाद से वे लगातार अपना आंदोलन कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-बेगूसराय में नीतीश को दिखाया काला झंडा, बोला- लालू यादव की बेइज्जती का बदला ले लिया