कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध प्रदर्शन. पटनाःमणिपुर से महिला को नग्नवस्था में पैरेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद देश भर में लोग आक्रोशित हैं. जगह-जगह प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार को पटना में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) की इकाईयों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. मणिपुर के मुख्यमंत्री का पुतला भी दहन किया गया.
कारगिल चौक पर पुतला दहन किया गया. इसे भी पढ़ेंः Manipur Violence: 'बेटियों के साथ ऐसी घटना दुखद और चिंताजनक..', INDIA मांग रहा जवाब'
'यह काफी निंदनीय घटना है और इस पर केंद्र सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए और कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.यह घटना 2 माह पुरानी है. इस पर सरकार को सख्त से सख्त नियम बनाने होंगे और कठोर कार्रवाई करनी होगी.'-प्रदर्शनकारी
इन्होंने किया प्रदर्शनः प्रदर्शनकारी महिला एवं पुरुषों में काफी आक्रोश देखने को मिला. प्रदर्शन करने वालों में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) की महिला शाखा अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS), सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) का छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया की युवा शाखा ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन (AIDYO) के सदस्य शामिल थे.
मणिपुर हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता. इसे भी पढ़ेंः Manipur Violence: 'तथाकथित शेर चुप क्यों?..' महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने पर ललन सिंह का PM मोदी पर हमला
मणिपुर हिंसा के कारणः तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने आदिवासी एकता मार्च निकाला था. इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई. यह रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी. 20 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया था, जिसमें राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. मणिपुर हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद नगा और कुकी जनजाति समुदाय भड़क गए. उन्होंने 3 मई को आदिवासी एकता मार्च निकाला. इसी दिन से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है.