पटना: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में जो वाम दलो की ओर से बिहार बंद का आयोजन किया गया. इसका व्यापक असर देखने को मिला. कई जिलों में लोग इस बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे और जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि इस बंद के समर्थन में जाप, सीपीआई और वीआईपी के सैंकड़ों कार्यकर्ता ने विरोध जताया. खगड़िया जिले में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने एनएच 31 को जाम कर दिया. साथ ही कार्यकर्ताओं ने शहर के हर इलाके से नारा लगाते हुए खगड़िया समाहरणालय के सामने इक्कठा हो कर विरोध प्रदर्शन किए. हालांकि प्रदर्शन में आए छात्रों से पूछा गया कि किसलिए वो प्रदर्शन में शामिल हुए तो उनको इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि एनआरसी और सीएए क्या है.
खगड़िया में बिहार बंद का असर 'संविधान की मूल भावनाओं का किया जा रहा उल्लंघन'
मधेपुरा जिले में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जिला मुख्यालय के सामने सीपीआई, एआईएसएफ सहित जाप के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. जिले के कॉलेज चौक, कर्पूरी चौक, बस स्टैंड सहित कई जगहों पर सड़कों पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर लोगों ने कहा कि सरकार अगर इस कानून को वापस नहीं लेती है तो हमारा उग्र आंदोलन लगातार जारी रहेगा. हालांकि सीपीआई के नेता प्रमोद प्रभाकर ने केंद्र सरकार हमला बोलते हुए कहा हमारे संविधान की मूल भावना का उल्लंघन किया जा रहा है.
मधेपुरा में बिहार बंद का असर 'मूल समस्याओं से ध्यान भटका रही है सरकार'
नवादा जिले में सीएए के विरोध में वामदलों का बिहार बंद बेअसर रहा. ठंड के कारण देर से सड़कों पर उतरे वामपंथी समर्थक ने विरोध प्रदर्शन किया लेकिन जिलेवासियों को कोई परेशानी नहीं पहुंचाई. इस मौके पर सीपीएम के जिला सचिव राम जतन सिंह ने कहा कि ये कानून लाकर सरकार हमारी मूल समस्याओं से ध्यान भटका रही है. देश को विभाजित करने और देश जलाने की सजिश रची गई है. इसलिए हम इस कानून का विरोध करते हैं. सरकार जब तक इस कानून को वापिस नहीं ले लेती, तब तक हम इसका विरोध करेंगें. चाहे इसके लिए हमें अपनी जान की बलि ही देना क्यों न पड़े.
नवादा में बिहार बंद का असर पीएम और गृह मंत्री के नागरिकता पर उठाए सवाल
बेगूसराय जिले में वाम दलों की ओर से आयोजित बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिला. इस बंद के दौरान कार्यर्ताओं ने एनएच 31 को जामकर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी के नागरिकता पर सवाल उठाते हुए इनके विरोध में जमकर नारेबाजी की. वहीं, बंद में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह बिल देश को बांटने वाला बिल है.
बेगूसराय में बिहार बंद का असर