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ग्राउंड रिपोर्ट: मंत्री जी जरा देखिए PMCH का हाल, मौका मिले तो मरीजों की भी लीजिए सुध! - ईटीवी भारत ग्राउंड रिपोर्ट

एनएमसीएच में मछली तैरने के बाद अब सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में पानी भरा पड़ा है. चर्म रोग विभाग में मरीज पानी में बैठकर इलाज का इंतजार कर रहे हैं. डॉक्टर साहब के पास जाने के लिए पानी में ही लाइन में लगाना पड़ रहा है.

पीएमसीएच का हाल बेहाल

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Published : Jul 14, 2019, 12:55 PM IST

पटना: बिहार में अस्पतालों का हाल क्या है ये किसी से छिपा नहीं है. चमकी बुखार और लू के वक्त स्वास्थ्य व्यवस्था हांफता नजर आया. तो कभी बड़े अस्पताल एनएमसीएच में मछली तैरती नजर आयी. बारिश के बाद सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का भी हाल एनएमसीएच जैसा ही है. अस्पताल के अंदर जल जमाव के बीच मरीज अपना इलाज कराने के लिए इंतजार करते हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

चर्म रोग विभाग में तीन दिनों से जलजमाव
राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच. रोगियों का इलाज कराने वाली जगह. यहां बारिश के बाद अब अस्पताल खुद बीमार नजर आ रहा है. जगह-जगह जल जमाव है. बीते 3 दिनों से पीएमसीएच के चर्म रोग विभाग में पानी भरा है. लेकिन देखने वाला कोई नहीं. मरीज पानी में ही बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. यही नहीं, पानी में लंबी लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर हैं. चर्म रोग से छुटकारा कितने दिनों मे मिलेगा पता नहीं. लेकिन हां, इस जल जमाव में खड़े रहने पर चर्म रोग जरूर हो जाएगा.

भगवान भरोसे अस्पताल :गुड्डू बाबा
ईटीवी भारत के ग्राउंड रिपोर्ट में कई मरीजों ने अपनी परेशानी बतायी. लोग दूर-दराज से यहां पहुंच रहे हैं. लेकिन बदहाल स्थिति से हैरान हैं. वही सामाजिक कार्यकर्त्ता गुड्डू बाबा ने बताया कि अस्पताल अब भगवान भरोसे चल रहा है. इस अस्पताल को लावरिस छोड़ दिया गया है. हालात की जानकारी अस्पताल अधीक्षक से लेकर वरीय अधिकारियों को भी है. लेकिन ध्यान देने वाला कोई नहीं है.

सामाजिक कार्यकर्त्ता गुड्डू बाबा

BMICL के पास रखरखाव की जिम्मेदारी
पीएमसीएच समेत राज्य के सभी अस्पतालों के रखरखाव की जिम्मेदारी बीएमआईसीएल कंपनी के पास है. लेकिन कंपनी अपने काम को लेकर कितनी सजग है ये किसी से छुपा नहीं है. कंपनी की उदासीनता का ही नतीजा है कि तकरीबन हर अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. लेकिन कार्रवाई के बदले हर बार सरकार और विभाग की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.

पानी में बैठकर इंतजार करते रोगी

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