पटना: बिहार विधानसभा में 14 जिलों के टोपो लैंड का मामला सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने उठाया. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि भू माफियाओं की नजर टोपो लैंड पर है. इसलिए सरकार और कोर्ट ने ऐसी जमीन की जांच कराकर सही लोगों को देने का फैसला लिया है. इसी कारण बंदोबस्ती और खरीद-फरोख्त रोका गया है. रामसूरत राय ने कहा कि जांच चल रही है और इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है.
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सरकार करा रही जमीन की जांच
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने खास बातचीत में कहा "टोपो लैंड का मामला वर्षों पुराना है. आज विधानसभा में इसे लाया गया था. सरकार के पास 10 जिलों का रिकॉर्ड है. गंगा किनारे के 14 जिलों के बारे में सवाल उठाया गया था. बिहार में गंगा की धारा बदलने के कारण टोपो लैंड को लेकर दावेदारी होती रही है. भू माफियाओं की भी इस जमीन पर नजर रहती है."
मंत्री रामसूरत राय ने खास बातचीत "भू माफियाओं के कारण सरकार ने जमीन के असली दावेदारों की जांच कराने का फैसला लिया है. इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है. जांच के बाद बंदोबस्ती और खरीद-फरोख्त की अनुमति दी जाएगी."-रामसूरत राय, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री
जांच के बाद असली दावेदारों को मिलेगी अनुमति
विधानसभा में सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने टोपो लैंड का मामला उठाते हुए कहा था कि 70 साल से भी अधिक समय से बंदोबस्ती और जमीन की खरीद-फरोख्त करते रहे हैं. 6 सालों से सरकार ने इसपर रोक लगा दी है. इसके कारण सरकारी अनुदान भी नहीं मिल रहा है. इसपर रामसूरत राय ने साफ कर दिया कि भू माफियाओं के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है. जांच के बाद ही असली दावेदारों को जमीन की खरीद-फरोख्त की अनुमति दी जाएगी.