पटना:देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है. 31 मई को लॉकडाउन फोर खत्म हो रहा है. वहीं, देश के कई हिस्सों में संक्रमण भी तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार के सामने लॉकडाउन जारी रखने या हटाने को लेकर बड़ी चुनौती बनी हुई है. लोगों के मन में प्रमुख सवाल है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद आगे क्या होगा. इसी खास मुद्दे पर हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने सामाजिक आर्थिक विश्लेषक डीएम दिवाकर से बात की.
'सरकार को घोषित करना चाहिए हेल्थ इमरजेंसी'
सामाजिक आर्थिक विश्लेषक प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि जब सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियां, ट्रेन हवाई सेवा और प्रमुख बाजारें भी खोल दी गई, तब लॉकडाउन का क्या मतलब रह गया है. लोग कहीं भी आ रहे हैं और संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में अब न्यू नॉर्मल सिचुएशन क्रिएट करते हुए लोगों में जागरुकता फैलाई जाए कि अब आने वाले समय में लोग 1 मीटर की दूरी बनाकर रहना और काम करना सीखें. इस बीच सरकार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए सभी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए.
'हमें इसके साथ ही जीना होगा'
दिवाकर ने कहा कि लॉकडाउन अब इस समस्या का समाधान नहीं है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ भी मानता है कि यह कोरोना अब अगले कुछ सालों तक हमारे बीच रहेगा. ऐसे में हमें इसी के साथ जीना सीखना होगा. सरकार को भी इसी दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग कोरोना के साथ जीना सीख लें और अपनी आदतों में सुधार करते हुए अपने जीवन को नॉर्मल बनाने की कोशिश करें.