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भारत बंद को सफल बनाने के लिए निकाला गया मशाल जुलूस, लोगों से की गयी अपील

मजदूर यूनियन ने इस बंद के जरिए सरकार से मांग की है कि न्यूनतम मजदूरी फिक्स की जाए, साथ ही मासिक न्यूनतम मजदूरी कम से कम 21 हजार रुपये हो. साथ ही बीमार उद्योग को शुरू करने के लिए मजदूरों को पेंशन देने की व्यवस्था हो.

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Published : Jan 7, 2020, 9:45 PM IST

PATNA
भारत बंद को सफल बनाने के निकाला गया मशाल जुलूस

पटना: राजधानी में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलाई गई है. मजदूर यूनियन और किसान यूनियन के साथ-साथ कई दूसरे यूनियन ने भारत बंद का फैसला किया है. इसके मद्देनजर मंगलवार को पटना और दरभंगा की सड़कों पर कई कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाला.

बता दें कि मजदूर यूनियन ने अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर भारत बंद करने का फैसला किया है. इसके लिए एटक, इंटक सहित कई यूनियन के सदस्यों का कहना है कि मौजूदा केंद्र सरकार श्रमिक कानूनों को लगातार बदल रही है, जिससे पूंजीपतियों की मनमानी काफी बढ़ गई है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मजदूर यूनियन ने सरकार से की मांग
मजदूर यूनियन ने इस बंद के जरिए सरकार से मांग की है कि न्यूनतम मजदूरी फिक्स की जाए, साथ ही मासिक न्यूनतम मजदूरी कम से कम 21 हजार रुपये हो. साथ ही बीमार उद्योग को शुरू करने के लिए मजदूरों को पेंशन देने की व्यवस्था हो. बताया जा रहा है कि मजदूर यूनियन के इस भारत बंद में कई ट्रेड यूनियन भी शामिल होंगे. साथ ही बैंक, बीमा, डिफेंस, कोयला और इस्पात समेत सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के भी ठेका मजदूर यूनियन 8 जनवरी के भारत बंद में शामिल होंगे.

दरभंगा से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'तानाशाही को अब यह देश नहीं करेगी बर्दाश्त'
दरभंगा में भी 8 जनवरी को मजदूर और किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद बुलाया गया है. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए ट्रेड यूनियनों ने जिले के कर्पूरी चौक से मशाल जुलूस निकाली. इस मौके पर भाकपा माले जिला कमेटी सदस्य देवेंद्र कुमार ने कहा कि देश के मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान अल्पसंख्यक समुदाय सब मिलकर तानाशाही सरकार के खिलाफ लोकतंत्र के पक्ष में सड़कों पर उतर चुके हैं. मोदी-शाह की तानाशाही को अब यह देश बर्दाश्त नहीं करने वाला है.

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