पटना: आजकल लोगों को हाथ-पैर में कमजोरी, चलने में परेशानी, हाथों से कपड़ों का बटन नहीं लगा पाना या हाथों से खाने में दिक्कत का होना रीढ़ की हड्डीके कंप्रेशन की वजह से हो सकता है. इसे लेकर पीएमसीएच में आर्थोपेडिक और स्पाइन सर्जन डॉ. महेश प्रसाद ने हमें बताया कि यह समस्या समय के साथ बढ़ सकती है, जिससे कई मामलों में विकलांगता हो सकती है. बता दें कि बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन के महासचिव डॉ. महेश प्रसाद ने पिछले दिनों सफल सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी के बाद लोगों को रीढ़ संबंधी परेशानियों से सचेत रहने की सलाह दी है.
Body Pain: गर्दन में दर्द के साथ शरीर की ये परेशानियां बढ़ा सकती हैं मुश्किलें, जानें डॉक्टर की सलाह - हाथों और पैरों में कमजोरी
इन दिनों बच्चों से लेकर बड़ों तक में स्पाइन से जुड़ी समस्या देखने को मिलती है, इसके कई कारण हो सकते हैं. गर्दन का दर्द एक आम समस्या है और बहुत से लोग इसे कभी ना कभी जरूर अनुभव करते हैं. ज्यादातर मामलों में यह खराब तरीके से बैठने या सोने का परिणाम है या तो लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से कभी-कभी हो सकता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...
C5C6 डिस्क पर दबाव से परेशानी:डॉ. महेश प्रसाद ने कहा कि जिस महिलाआ की हाल ही में गर्दन की सर्जरी हुई थी, उसे भी इसी तरह की समस्या थी. महिला की गर्दन की नस दब गई थी. जिससे वह अपने हाथों और पैरों को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पा रही थी. वह सामान्य रूप से चलने में असमर्थता थी, पिछले छह महीनों से वह इस परेशानी से जूझ रही थी. जब उसका चेकअप किया गया तो पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में स्थित C5C6 इंटरवर्टेब्रल डिस्क पर प्रेसर बन रहा है. जिसके बाद महिला की एसीडीएफ (एंटीरियर सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी एंड फ्यूजन) सर्जरी करने की बात तय हुई. इस सर्जरी के दौरान उनकी डिस्क निकाल दी गई, जिससे बेगूसराय की रहने वाली करीब 38 साल की उस महिला को इस परेशानी से राहत मिल गई.
"जिस महिलाआ की हाल ही में गर्दन की सर्जरी हुई थी, उसे भी इसी तरह की समस्या थी. महिला की गर्दन की नस दब गई थी. जिससे वह अपने हाथों और पैरों को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पा रही थी. वह सामान्य रूप से चलने में असमर्थता थी, पिछले छह महीनों से वह इस परेशानी से जूझ रही थी. जब उसका चेकअप किया गया तो पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में स्थित C5C6 इंटरवर्टेब्रल डिस्क पर प्रेसर बन रहा है. जिसके बाद महिला की एसीडीएफ (एंटीरियर सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी एंड फ्यूजन) सर्जरी की गई."-डॉ. महेश प्रसाद
मुश्किल भरी होती है गर्दन की सर्जरी:आगे डॉक्टर ने बताया कि गर्दन की सर्जरी काफी कठिन होती है, इसलिए बहुत कम डॉक्टर जोखिम लेने को तैयार होते हैं. स्पाइन सर्जरी काफी बड़ा ऑपरेशन होता है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर बहुत ध्यान देना पड़ता है, इसमें मरीज के लिए बहुत खतरा होता है. हालांकि किसी अनुभवी सर्जन की देखरेख में इसे अच्छी तकनीक के साथ किया जाए तो ये पूरी तरह से सुरक्षित है. इससे मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है.