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राजधानी में चल रहा है खून का काला कारोबार, कई निजी नर्सिंग होम कर रहे हैं खून की दलाली

खून के इस काले कारोबार को स्थानीय प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है और इस पर कार्रवाई भी नहीं कर रहा है. इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. विनय बहादुर का यह भी कहना है कि सरकारी कार्रवाई संतोषजनक नहीं है.

खून का काला कारोबार

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Published : Sep 19, 2019, 10:59 PM IST

पटना: राजधानी में इन दिनों खून का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जिसमें कई निजी नर्सिंग होम शामिल हैं. हाल के दिनों में पुलिस ने पाटलिपुत्र के एक निजी नर्सिंग होम में खून की दलाली करते हुए एक दलाल को गिरफ्तार किया है. हालांकि मामले का अभी पूरी तरह से पर्दाफाश होना बाकी है. राजधानी में खून की दलाली करने वालों का एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है, जो अलग-अलग अस्पतालों के संपर्क में है. यह रैकेट खून की जरूरतों को पूरा करता है. ऐसे में सभी दलाल इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर खून की बिक्री कर रहे हैं.

बनावटी खून है जानलेवा
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ विनय बहादुर ने लोगों से अपील की है कि दलालों से खून ना खरीदें. ब्लड में कई कॉम्पोनेंट्स होते हैं जैसे आरबीसी, प्लाज्मा, ब्लड प्लेटलेट्स आदि. बनावटी खून में यह कॉम्पोनेंट्स आर्टिफिशियल तरीके से बनाए जाते हैं. इसलिए खून खरीदते वक्त हमेशा सावधान और सतर्क रहें, नहीं तो इससे किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है. उन्होंने कहा कि दलाल आजकल रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर जाली रसीद बनाकर मिलावटी और बनावटी खून बेच रहे हैं. ऐसे में सरकारी मेडिकल अस्पताल से जाकर ही खून खरीदें.

नर्सिंग होम करते हैं खून की दलाली

रेड क्रॉस के नाम पर देते है जाली रसीद
शहर में आजकल खून के दलाल इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर जाली रसीद बनाकर खून बेचते हैं. जिसको लेकर रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. विनय बहादुर ने कई बार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. साथ ही, सरकार को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने को कहा है.

दलाली का प्रूफ दिखाते इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन

प्रशासन नहीं है गंभीर
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. विनय बहादुर का यह भी कहना है कि सरकारी कार्रवाई संतोषजनक नहीं है. कई बार उन्होंने इसके लिए थाना में केस दर्ज करवाया है. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दलाल बेखौफ होकर मरीजों से खून की मोटी रकम वसूल रहे हैं. वहीं, सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क खून दिया जाता है.

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