पटना:गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाली आयुष्मान भारत योजना कोरोना काल में कारगर साबित नहीं हो रही है. क्योंकि निजी अस्पताल की ओर से आयुष्मान भारत कार्ड लेने से इंनकार कर दिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में लोग पैसा देकर ही अपना इलाज करा रहे हैं.
पटना में भी आए दिन हजारों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज कराने के लिए परिजन दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन इसी बीच अगर बात करें आयुष्मान भारत कार्ड की या फिर हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड की तो यह सब इस समय फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों में नहीं लिया जा रहा है. यदि आपको प्राइवेट अस्पतालों में बेड मिल जाता है तो आप का इलाज सिर्फ और सिर्फ कैश लेकर ही किया जाएगा. फिलहाल किसी भी प्रकार का कोई हेल्थ कार्ड काम नहीं करने वाला है.
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ईटीवी भारत संवाददाता ने पटना के विभिन्न छोटे और बड़े प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधकों से बात की. रुबान मेमोरियल अस्पताल ने बताया कि फिलहाल स्थिति दिन-प्रतिदिन काफी दयनीय होती जा रही है. काफी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं. फिलहाल हमारी प्राथमिकता है कि लोगों का इलाज किया जाए और उनकी जान बचाई जाए. आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों का इलाज अभी नहीं हो पा रहा है. क्योंकि इस कार्ड से पैसा आने में समय लगता है. इसलिए हम लोग सिर्फ नगद लेकर ही इलाज कर रहे हैं या फिर ऑनलाइन ट्रांसफर.
'कोई हेल्थ कार्ड नहीं कर रहा काम'
उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी भी प्रकार का कोई हेल्थ कार्ड काम नहीं कर रहा हैं. क्योंकि उसके प्रोसेस में थोड़ा समय लगता है और इतना समय हमारे पास नहीं है. लेकिन जो भी मरीज इलाज करा रहे हैं. बाद में उनके पास जो भी कार्ड है. उससे अभी खर्च होने वाले पैसों का रिबेट दिया जाएगा.
'कार्ड लेकर अस्पताल नहीं आ रहे मरीज'
वहीं, फोर्ड हॉस्पिटल, पल्स हॉस्पिटल सहित विभिन्न अस्पतालों ने बताया कि ना तो मरीज के परिजन कोई हेल्थ कार्ड या फिर आयुष्मान भारत कार्ड लेकर आ रहे हैं और ना ही फिलहाल कोई चर्चा हो रही है. क्योंकि सभी को सिर्फ और सिर्फ मरीज की जान बचाना है. इसलिए हमारा प्रयास है कि किसी भी प्रकार की प्रक्रिया में कोई विलंब ना हो और जल्द से जल्द मरीज का इलाज हो. उन्होंने बताया कि हालांकि कुछ मरीज के परिजन ऐसे भी थे, जिन्होंने इसके बारे में पूछा. लेकिन हमने उन्हें साफ बताया कि फिलहाल हम इसका लाभ नहीं दे सकते हैं. यदि आपको इलाज कराना है तो नगद भुगतान ही करना होगा.
'स्थिति काफी चिंताजनक'
वहीं, पटना के अस्पतालों के प्रबंधकों ने बताया कि फिलहाल स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है. जो भी डॉक्टर्स या मेडिकल स्टाफ अस्पताल में हैं. सभी डबल शिफ्ट ड्यूटी कर रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण मैन पावर की भी थोड़ी कमी देखने को मिल रही है. इसलिए हमने फिलहाल कैश, कार्ड, ऑनलाइन मनी ट्रांसफर ही इलाज की प्रक्रिया के लिए रखा है. ऐसे में मरीजों को इलाज कराने में काफी समस्या हो रही है.
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प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने पिछले वर्ष गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था. इस योजना के द्वारा करीब 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी. आयुष्मान भारत योजना वास्तव में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. जिसके तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रदान किया जाता है. लेकिन जब ईटीवी भारत कोरोना के कहर के बीच आयुष्मान कार्ड की हकीकत जानने के लिए अस्पताल का हाला जाना तो मरीजों इस योजना का तत्काल लाभ मिलते हुए नहीं दिखा.