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गंगा जमुनी तहजीब की एक झलक, यहां छठ का चूल्हा बनाती हैं मुस्लिम महिलाएं - चूल्हे का व्यवसाय

मिट्टी के ये चूल्हे 50 से 100 रुपये तक बिकते हैं. चूल्हे बनाने वाली मुख्तरी खातून का कहना है कि महंगाई के कारण इस व्यवसाय में अब उतना मुनाफा नहीं हो रहा है.

chhath puja

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Published : Oct 28, 2019, 3:07 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 6:28 PM IST

पटना:दीपावली खत्म होते ही छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं. लोक आस्था के इस महापर्व पर गंगा जमुनी तहजीब की एक झांकी देखने को मिली, दरअसल हिन्दुओं के इस महापर्व पर मुस्लिम महिलाएं चूल्हा बेचती दिखीं.

मिट्टी के चूल्हे का महत्तव
राजधानी पटना में छठ पर्व का अपना अलग महत्व है बड़ी संख्या में लोग गंगा नदी के तट पर ये पर्व करने पहुंचते हैं और आस्था के इस पर्व में आधुनिकता को नकारते हुए अभी भी मिट्टी के चूल्हे पर ही छठ मइया को अर्घ्य देने वाला प्रसाद बनाया जाता है.

चूल्हा बनाती महिला

इसीलिए मिट्टी के चूल्हे का पर्व में अलग महत्व है. इस पर्व में आस्था के साथ सद्भावना भी दिखता है. यही कारण है कि लोग मुस्लिम महिलाओं के द्वारा बनाये गए चूल्हे को भी सहर्ष खरीदते है और इसमें कहीं भेदभाव नहीं दिखता है.

पेश है एक रिपोर्ट

श्रद्धा के साथ बनाए जाते हैं चूल्हे
बीरचंद पटेल पथ पर चूल्हे बेच रही महिलाएं बताती हैं कि पूजा में उपयोग होने वाले चूल्हे को बड़े ही श्रद्धा से बनाया जाता है. उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं कोई गलती नहीं हो जाए. इसीलिए जूठे हाथ से चूल्हे को कभी नहीं छूती हैं.

चूल्हों का दुकान

मिट्टी के ये चूल्हे 50 से 100 रुपये तक बिकते हैं. चूल्हे बनाने वाली मुख्तरी खातून का कहना है कि महंगाई के कारण इस व्यवसाय में अब उतना मुनाफा नहीं हो रहा है. फिर भी हर साल हमलोग यहां आकर चूल्हे बनाकर बेचते हैं.

Last Updated : Oct 28, 2019, 6:28 PM IST

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