बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Third Wave of Corona: देश में तीसरी लहर की प्रबल संभावना, जानिए महामारी से कैसे बचें

बिहार में कोरोना (Covid-19) की दूसरी लहर में अस्पतालों की लचर स्थिति खुलकर सामने आ गई थी. अस्पताल की चौखट पर इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ते भी नजर आए थे. समय रहते तीसरी लहर (Third Wave of Corona) से निपटने के लिए किस प्रकार तैयारी करने की जरूरत है. देखें ये रिपोर्ट.

पटना
पटना

By

Published : Jun 20, 2021, 9:36 PM IST

पटना:शनिवार को दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि देश में 6 से 8 सप्ताह के अंदर कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) आ सकती है और इसकी प्रबल संभावना बन रही है.

ये भी पढ़ें-6-8 सप्ताह में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर : एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया

'कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर' का करें पालन
पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए सबसे अनिवार्य है कि सभी लोग कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (Covid Appropriate Behavior) का पालन करें और सरकार समय रहते अपने अस्पतालों को संसाधनों से लैस करे.

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे अनलॉक हो रहा है और लॉकडाउन के नियमों में ढील दी जा रही है, लोगों की भीड़ बाजारों में बढ़ने लगी है. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. ये काफी खतरनाक हो सकता है.

''कोरोना की तीसरी लहर से अगर बचना है तो सबसे जरूरी है कि सभी लोग कोविड-19 के सभी एप्रोप्रियेट बिहेवियर का गंभीरता से पालन करें. सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें और एक जगह अधिक भीड़ ना रहने दें. इसके अलावा बाहर निकले तो चेहरे पर मास्क अनिवार्य रूप से प्रयोग करें और हैंड हाइजीन पर भी विशेष ध्यान रखें.''-डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

'सभी आवश्यक रूप से वैक्सीन लगवाएं'
उन्होंने कहा कि अभी कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट आ चुका है और कई जगह डेल्टा प्लस वैरिएंट भी डिटेक्ट हुआ है जो काफी खतरनाक है. यह पूर्व के कोरोना वायरस के स्ट्रेन से 40 से 50 गुना अधिक संक्रामक है. इसके अलावा जो लोग कोरोना वैक्सीनेशन के दायरे में आते हैं, वह आवश्यक रूप से वैक्सीन लगवाएं. वैक्सीन से संक्रमण की गंभीरता काफी हद तक कम हो जाती है.

ये भी पढ़ें-थर्ड वेव से बच्चों को बचाने के लिए पटना एम्स के डॉक्टर ने इजाद किया VHIT एंड MAAP फार्मूला, जानें...

'अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को करें मजबूत'
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि जिस प्रकार संक्रमण की दूसरे लहर में प्रदेश में अस्पतालों की बदहाली के जो दृश्य सामने आए थे, उससे निपटने के लिए और तीसरे लहर में ऐसी स्थिति ना आए इसके लिए सरकार को चाहिए कि सभी अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करें. जिले के सभी सदर अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड अधिक से अधिक बढ़ाएं.

'बच्चों के इफेक्टेड होने की संभावना ज्यादा'
जिस प्रकार से संक्रमण के तीसरी लहर को लेकर जो संभावना बन रही है, उससे बच्चों के अधिक इफेक्टेड होने की संभावना है, क्योंकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन चल रहा है और वैक्सीन से संक्रमण की गंभीरता निश्चित रूप से काफी कम होती है. ऐसे में सभी अस्पतालों में पेडियाट्रिक, आईसीयू और पेडियाट्रिक वेंटिलेटर बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.

'जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो'
इसके अलावा सभी जिले में पर्याप्त पेडियाट्रिक चिकित्सक मौजूद रहे. साथ ही सरकार अभी से यह सुनिश्चित करें कि जो भी पेडियाट्रिक दवाइयां आती हैं और कोरोना जैसे संक्रमण के लिए जिन दवाइयों का प्रयोग होगा, वह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों.

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में वेंटिलेटर के टेक्नीशियन और हेल्थ केयर वर्कर की कमी को जल्द से जल्द सरकार को पूरा करना चाहिए, ताकि महामारी की विषम परिस्थिति को सामूहिक प्रयास के माध्यम से कंट्रोल किया जा सके.

ये भी पढ़ें-Third Wave of Corona: बच्चों को संक्रमण से बचाने को लेकर UNICEF की तैयारी, अभिभावकों की भूमिका अहम

एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया की चेतावनी
बता दें कि एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया तो अगले 6 से 8 सप्ताह में वायरल संक्रमण की अगली लहर देश में दस्तक दे सकती है.

संक्रमण के मामलों में बड़ी वृद्धि होने पर कड़ी निगरानी और क्षेत्र-विशेष में लॉकडाउन की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक कोविड-उपयुक्त व्यवहार का आक्रामक तरीके से पालन करने की आवश्यकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details