पटना जू के जानवरों के खाने का मैन्यू हुआ चेंज पटना: बिहार में ठंड बढ़ने के साथ ही पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में जो वन्यजीव हैं उनके खाने का मेनू भी बदल दिया गया है. जिससे कि उन पर ठंड का असर नहीं हो, इसको लेकर कई उपाय किए गए हैं. बता दें कि पटना जू के जो जानवर है उनके केज में पुआल की व्यवस्था की गई है, कई केज को पुआल से ढका भी गया है. साथ ही कई जानवरों के केज में हीटर की भी व्यवस्था की गई है, जिससे उनका ठंड से बचाव हो सके.
ठंड से बचाने की गई व्यवस्था वन्यजीवों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था: यहां तक की कई जानवरों के केज के बाहर लगे पानी के फवारे में जहां पहले ठंडा पानी आता था, वहां गर्म पानी का इंतजाम किया गया है. यानी जो भी केज के बाहर फाउंटेन है उसमें अब जू प्रशासन ने जानवरों के नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था कर दी है. जिससे कि कुछ जंगली जानवर जो की केज में टहलने के दौरान ही स्नान करते हैं या पानी से खेलते है उन्हे ठंड नहीं लगेगी.
जू के अंदर गर्म पानी का इंतजाम चेंज हुआ खाने का मेन्यू :पटना जू में वन्यजीवों के लिए ठंड बढ़ने के साथ ही खाने के मेनू में बड़ा बदलाव किया गया है. यहां पर सभी मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन की खुराक को बढ़ा दिया गया है. अब ठंड की आहट होते ही हाथी को गुड़ और ईख खिलाया जा रहा है, तो वहीं भालू को अंडा दिया जा रहा है. जबकि चिंपांजी को च्यवनप्राश और हुल्लाक गिबन को बटेर के अंडे दिए जा रहे हैं.
चिंपांजी को दिया जा रहा च्यवनप्राश ऐसी है सरीसृप प्रजाति के लिए व्यवस्था: वहीं अगर हम बात करें तो सरीसृप प्रजाति के जो भी जीव है, चाहे वह घड़ियाल हो मगरमच्छ हो या सांप हो सभी के भोजन की मात्रा में 80 प्रतिशत तक की कमी लाई गई है. निश्चित तौर पर मौसम को देखते हुए जू प्रशासन ने इस तरह की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. मुख्य रूप से पटना जू के शेर, भालू, बाघ, हिरण, हुल्लक और गिबन के केज में हीटर लगा दिया गया है, जिससे ठंड की मार उन्हें नहीं झेलनी पड़ी.
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