पटना: राजधानी पटना सहित कई आसपास के इलाकों में हर साल गर्मी की दस्तक के साथ ही बिजली कटने की समस्याकाफी ज्यादा (Power Cut Problem In Patna) होती है. ऐसे में बिजली विभाग की तरफ से पहले ही ट्रांसफार्मर और जर्जर केबल तार को दुरुस्त करने के लिए लोग लगे हुए हैं. ताकि बिजली उपभोक्ताओं को बिजली कट की समस्या से निजात मिल सके. पटना बिजली आपूर्ति (पेसू) की तरफ से सभी डिवीजनल टीम को ट्रांसफॉर्मर और जर्जर केबल को ठीक कराने की बात कही गई है. जिसपर विभाग की ओर से कई लोग काम पर लग भी गए हैं.
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बिजली कटने से लोग काफी परेशान: बिजली विभाग की तरफ से हर साल यह वादा की जाती है कि पूरे राज्य में 24 घंटे निर्बाध बिजली पहुंचाई जाएगी. जबकि गर्मी शुरू होने के साथ ही बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है. कई घरों में लोग पंखा, कूलर, फ्रिज, एसी चलाते हैं. जिस कारण से बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है. यहीं कारण है कि 24 घंटे के बदले बिजली लोगों को कम मिलती हैं. खासकर यह समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा आती है.
31 मार्च तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य:पटना विद्युत आपूर्ति इकाई के जीएम मुर्तजा हिलाल ने कहा कि गर्मी आने के साथ ही बिजली विभाग पहले से ही सभी काम शुरू कर दिए गए हैं. कई बार गांव के ट्रांसफॉर्मर में फ्यूज उड़ने से पारेशानी का सामना पड़ता है. इसलिए जितने भी ट्रांसफॉर्मर है, उन सभी ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत जारी है. बताया जाता है कि जर्जर केवल को हटाकर नया केबल लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए लोगों को निर्बाध बिजली पहुंचाई जाएगी. जिससे कि लोगों की परेशानी ना होने पाये. उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
"गर्मी आने के साथ ही बिजली विभाग पहले से ही सभी काम शुरू कर दिए गए हैं. कई बार गांव के ट्रांसफॉर्मर में फ्यूज उड़ने से पारेशानी का सामना पड़ता है. इसलिए जितने भी ट्रांसफॉर्मर है, उन सभी ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत जारी है".-मुर्तजा हिलाल, जीएम, बिहार विद्युत आपुर्ति इकाई
380 से 400मेगावाट बिजली की खपत:उन्होंने बताया कि गर्मी शुरू होने के साथ ही 380 से 400 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. यहां अप्रैल, मई ,जून तक 700 मेगावाट तक आपूर्ति पहुंच जाती है. जबकि गर्मी के साथ हर घर में बिजली की खपत ज्यादा बढ़ जाती है. जिस कारण ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ जाती है. इस कारण विभाग की तरफ से तैयारी की जा रही है.
बिजली की खपत 700 मेगावाट तक: उन्होंने कहा कि पटना शहर में बिजली विभाग पूरी तरह से तत्पर है. यहां कहीं से भी बिजली कट की समस्या आते ही उसका निराकरण तुरंत किए जाते हैं. मई के महीने तक बिजली की खपत 700 मेगावाट तक पहुंच जाती है. इस स्थिति में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली पर्याप्त मात्रा में मिले. जिससे की किसी भी प्रकार से कोई भी समस्या नहीं हो. उन्होंने बताया कि जिस इलाके में ट्रांसफॉर्मर और जर्जर तारों को ठीक कराया जा रहा है. उसी एरिया का एक या दो घंटे तक बिजली काटा जाता है.